सरकार में लैटरल एंट्री रोक दी गई है, लेकिन सार्वजनिक उद्यम भर्ती बोर्ड (पीईएसबी) निजी क्षेत्र के लोगों को केंद्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में वरिष्ठ पद पर भर्ती करना जारी रख सकता है।
फर्टिलाइजर्स ऐंड केमिकल्स, त्रावणकोर के चेयरमैन और प्रबंध निदेश के लिए हाल में आए विज्ञापन में निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम करने वाले लोगों को भी आवेदन करने की अनुमति दी गई है, जो 1,500 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा कारोबार करने वाली कंपनियों में काम कर रहे हों। लेकिन उन्हें नौकरी के अन्य मानदंड भी पूरे करने होंगे।
पिछले 1 साल से ज्यादा समय से पीईएसबी ने टैलेंट पूल का विस्तार करने के लिए कदम उठाए हैं, जिनके माध्यम से वह उम्मीदवारों का चयन करता है। बोर्ड वित्तीय संस्थानों, स्वायत्त निकायों और सरकारी बैंकों के आवेदकों को अनुमति देता है। इसने विभिन्न पदों के लिए जरूरी योग्यताओं का मानकीकरण किया है।
उदाहरण के लिए डायरेक्टर (फाइनैंस) पद के लिए व्यक्ति निश्चित रूप से चार्टर्ड या कॉस्ट अकाउंटेंट, या पूर्णकालिक एमबीए या वित्त में विशेषज्ञता के साथ पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा होना चाहिए।
क्षमता विकास आयोग के साथ मिलकर बोर्ड ने निजी क्षेत्र की कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को महारत्न फर्मों के प्रमुखों को चिह्नित करने के लिए उनकी रणनीति साझा करने को आमंत्रित किया था। इसका मकसद उद्यमों को अपने मानव संसाधन व्यवस्था के भीतर उत्तराधिकारी तैयार करने की योजना बनाने के लिए प्रेरित करना था।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘दोनों कंपनियों का अपने मानव संसाधन के प्रबंधन और उत्तराधिकारी के चयन को लेकर बेहतरीन तरीका विकसित है। इस कवायद के बाद सभी महारत्न कंपनियों ने संभावित प्रमुखों की पहचान करने की अपनी रणनीति तैयार की है।’ आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मिनी रत्न कंपनियां भी इसी तरह की कवायद कर रही हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘भर्तियों में ज्यादा पारदर्शिता है। सीपीएसई के लिए बेहतर प्रतिभा पाने को लेकर सरकार में स्पष्टता है। अगर कोई सीपीएसई हमारी मानकीकृत प्रक्रिया से सहमत नहीं होती है तो वह सीधे कैबिनेट की नियुक्ति समिति से संपर्क कर सकती है।’