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Deep Tech Startups को मिलेगा नया बूस्ट, सरकार ने फंड ऑफ फंड्स में जोड़े 10 हजार करोड़ रुपये: गोयल

सरकार ने डीप टेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए फंड ऑफ फंड्स स्कीम के तहत दस हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देने का ऐलान किया है।

Last Updated- July 05, 2025 | 7:48 PM IST
Piyush Goyal
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल | फाइल फोटो

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को ऐलान किया कि सरकार ने डीप टेक रिसर्च और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए फंड ऑफ फंड्स स्कीम के तहत 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी है। बेंगलुरु में आईआईटी मद्रास और उसके एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गोयल ने कहा कि पिछले बजट में इस स्कीम के लिए पहले 10,000 करोड़ रुपये दिए गए थे, जो अब पूरी तरह इस्तेमाल हो चुका है। अब नई राशि का बड़ा हिस्सा डीप टेक क्षेत्र को समर्पित होगा।  

गोयल ने बताया कि इस फंड के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं। यह पैसा नई तकनीकों के विकास, उनके उपयोग और समकालीन क्षेत्रों में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने में मदद करेगा। सरकार ने इस साल फरवरी के बजट में अगली पीढ़ी के स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए इस फंड की घोषणा की थी। हालांकि, निजी क्षेत्र द्वारा रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) में कम निवेश को लेकर कुछ चिंताएं भी उठी थीं।  

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#100DesiDeepTechs: नई पहल से मिलेगा स्टार्टअप्स को बल 

इस बीच, भारत के स्टार्टअप पॉलिसी फोरम ने #100DesiDeepTechs नाम से एक नई पहल शुरू की है। यह एक मल्टी-स्टेकहोल्डर प्रोग्राम है, जिसका मकसद देश के 100 शीर्ष डीप टेक स्टार्टअप्स को चुनकर उन्हें सपोर्ट करना है। स्टार्टअप इंडिया (DPIIT), मेटी स्टार्टअप हब और IIT मद्रास के सहयोग से शुरू इस पहल का लक्ष्य डीप टेक क्षेत्र में नीतिगत चर्चाओं को मजबूत करना है।  

इस कार्यक्रम के लिए भारतीय डीप टेक स्टार्टअप्स से आवेदन मांगे गए हैं। चुने गए स्टार्टअप्स इंडस्ट्री और सरकारी स्टेकहोल्डर्स के साथ नीतिगत चर्चाओं में हिस्सा लेंगे। इन चर्चाओं के आधार पर एक व्हाइट पेपर तैयार किया जाएगा, जिसमें नियामक सुझाव होंगे। इस पहल का फोकस सेमीकंडक्टर, रक्षा, क्वांटम टेक, ग्रीन हाइड्रोजन, अंतरिक्ष, ड्रोन, इलेक्ट्रिक वाहन, बायोटेक, रोबोटिक्स, उन्नत विनिर्माण और संचार जैसे क्षेत्रों पर है।  

#100DesiDeepTechs के लिए एक मेंटर बोर्ड भी बनाया गया है, जिसमें उद्यमी, निवेशक, नीति निर्माता और विशेषज्ञ शामिल हैं। यह बोर्ड स्टार्टअप्स को रणनीतिक सलाह और नेटवर्क तक पहुंच प्रदान करेगा। इसके अलावा, “डीपटेक बैठक” नामक एक आयोजन में व्हाइट पेपर जारी किया जाएगा। इस आयोजन में SPF का डीप टेक नीति अनुसंधान केंद्र भी लॉन्च होगा।  

नैसकॉम और जीनोव की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में डीप टेक क्षेत्र में निवेश में 78 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 1.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। सरकार की सहायक नीतियों, जेनरेटिव AI में प्रगति और उभरती कंपनियों के नवाचारों ने इसमें बड़ा योगदान दिया। गोयल ने कहा कि भारत नई तकनीकों को अपनाने में पीछे नहीं है, जो देश को वैश्विक व्यापार की मंदी के बीच विकास की राह पर ले जा रहा है।

First Published - July 5, 2025 | 7:46 PM IST

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