facebookmetapixel
FY26 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 7% बढ़कर ₹12.92 लाख करोड़ पर पहुंचा, रिफंड में सुस्ती का मिला फायदाDelhi Red Fort Blast: लाल किला धमाके से पुरानी दिल्ली के बाजारों में सन्नाटा, कारोबार ठपअक्टूबर में SIP निवेश ₹29,529 करोड़ के ऑलटाइम हाई पर, क्या है एक्सपर्ट का नजरियाहाई से 43% नीचे गिर गया टाटा ग्रुप का मल्टीबैगर शेयर, क्या अब निवेश करने पर होगा फायदा?Eternal और Swiggy के शेयरों में गिरावट! क्या अब खरीदने का सही वक्त है या खतरे की घंटी?अक्टूबर में इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश 19% घटकर ₹24,690 करोड़, SIP ऑलटाइम हाई परDelhi Pollution: AQI 425 के पार, बढ़ते प्रदूषण के बीच 5वीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड मेंअमेरिका-चीन की रफ्तार हुई धीमी, भारत ने पकड़ी सबसे तेज ग्रोथ की लाइन: UBS रिपोर्टगिरते बाजार में भी 7% चढ़ा सीफूड कंपनी का शेयर, इंडिया-यूएस ट्रेड डील की आहत से स्टॉक ने पकड़ी रफ्तारवर्क प्लेस को नया आकार दे रहे हैं कॉरपोरेट, एआई का भी खूब कर रहे हैं उपयोग

Farmer Protest: किसान आंदोलन से उद्योग को रोजाना 500 करोड़ रुपये की लग रही चपत

Farmer Protest: इस आंदोलन का चौथी तिमाही में उत्तर भारत के राज्यों की GDP पर भी बुरा असर दिख सकता है। इन राज्यों के 34 लाख MSME और 70 लाख कामगार भी प्रभावित होंगे।

Last Updated- February 16, 2024 | 7:37 PM IST
Farmers Protest: Tear gas, water cannon fired on farmers moving towards Delhi Farmers Protest: दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों पर छोड़ी आंसू गैस, पानी की बौछार

किसान आंदोलन से कारोबार प्रभावित हो रहा है। उद्योग संगठनों के अनुसार इस आंदोलन से उद्योग को रोजाना 500 करोड़ रुपये की चपत लग रही है। इसका चौथी तिमाही में उत्तर भारत के राज्यों की जीडीपी पर भी असर पड़ सकता है। कारोबारियों के अनुसार इस आंदोलन से दिल्ली के कारोबारियों को अब तक 300 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

आंदोलन से उत्तर भारत के राज्यों की एमएसएमई प्रभावित

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने एक बयान जारी कर कहा कि किसान आंदोलन का उत्तर भारत के उद्योग, कारोबार और रोजगार पर बुरा असर हो रहा है। इस आंदोलन के कारण रोजाना 500 करोड़ रुपये का उद्योग को नुकसान हो रहा है। जिसका चौथी तिमाही में उत्तर भारत के राज्यों की जीडीपी पर असर पडेगा।

वर्ष 2022-23 में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश इन चारों राज्यों की जीडीपी चालू मूल्य पर (current price) 27 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। आंदोलन से उत्तर भारत के उपरोक्त चारों राज्यों में एमएसएमई को कच्चे और तैयार माल की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। इन राज्यों की करीब 34 लाख एमएसएमई के कारखानों में 70 लाख कामगार कार्य करते हैं। सरकार और किसान दोनों को जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए।

दिल्ली को अब तक लगी 300 करोड़ रुपये की चपत

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन से दिल्ली में कारोबार अब तक करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दिल्ली में आस-पास के राज्यों से खरीदारी करने के लिए आमतौर पर रोजाना 5 लाख कारोबारी व ग्राहक आते हैं। इसके अलावा सड़क ब्लॉक क्षेत्रों के पास स्थित दुकानों के कारोबारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है।

इस बीच, कैट ने दावा किया है कि आज किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में देश भर के कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोले और बाजारों में सामान्य रूप से कारोबार हुआ। हालांकि ट्रेड यूनियनों का दावा है कि भारत बंद सफल रहा और इसका व्यापक असर दिखा।

First Published - February 16, 2024 | 7:37 PM IST

संबंधित पोस्ट