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Critical Minerals: भारत के अहम खनिजों की नीलामी में देरी, मंत्रालय ने बढ़ाई ब्लॉकों की अंतिम तिथि

संभावित निवेशकों की कम रुचि के कारण मार्च में सरकार ने 13 ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया रद्द करने का फैसला किया था, उसके बाद यह फैसला आया है।

Last Updated- May 26, 2024 | 10:43 PM IST
भारत में अगले पांच से 10 साल में दोगुना हो जाएगी जिंक की मांग, Zinc demand in India likely to double in next 5-10 years: Industry body

India critical minerals auction: भारत के अहम और दुर्लभ खनिजों की नीलामी को एक और झटका लगा है। सभी तीनों दौर की तरजीही बोली लगाने वालों के चयन की प्रक्रिया में देरी के कारण ऐसा हुआ है। खनन मंत्रालय के 21 मई के आदेश में कहा गया है कि दूसरे और तीसरे दौर के लिए सूचीबद्ध 25 महत्त्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की अंतिम तिथि 11 जून और 28 जून से टालकर 18 जुलाई कर दी गई है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने आदेश की प्रति देखी है।

संभावित निवेशकों की कम रुचि के कारण मार्च में सरकार ने 13 ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया रद्द करने का फैसला किया था, उसके बाद यह फैसला आया है। इसके साथ ही शेष 7 खनिज ब्लॉकों के चयन की अंतिम तिथि भी 1 अप्रैल से बढ़ाकर 8 जुलाई कर दी गई है।

सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तिथि इसलिए बढ़ाई गई है, क्योंकि निवेशक खनिज ब्लॉकों के व्यवहार्यता के अध्ययन के लिए वक्त मांग रहे थे। एक सूत्र ने कहा, ‘पहले दौर की समय सीमा में बढ़ोतरी आम चुनाव के कारण की गई। बहरहाल इस बार उद्योग के लोग ब्लॉकों के अध्ययन के लिए अतिरिक्त वक्त की मांग कर रहे थे।’

केंद्र ने अब तक 38 महत्त्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी की है। शुरुआती चरण में 20 ब्लॉक शामिल थे, जबकि उसके बाद 18 खंड थे। तीसरे दौर में पहले दौर के रद्द किए गए 13 में सिर्फ 7 ब्लॉक थे। अप्रैल में बिज़नेस स्टैंडर्ड ने खबर दी थी कि उद्योगों की हिस्सेदारी की कमी के कारण नीलामी में देरी हो सकती है।

इसके पहले सरकार से जुड़े सूत्रों ने देरी की वजह लोकसभा चुनाव को बताया था। बहरहाल उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि इस बार साफतौर पर हिस्सेदारी की कमी ही एकमात्र वजह है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि खनिज ब्लॉकों के आंकड़े न होने की वजह से नीलामी में और देरी हो सकती है। इस सेक्टर के एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘उपलब्ध संसाधनों के बारे में स्पष्टता की कमी के कारण उद्योग जगत रुचि नहीं दिखा रहा है।’

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 20 में से 18 ब्लॉकों के लिए कुल 56 भौतिक बोली और 56 ऑनलाइन बोली मिली। फरवरी में खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों वेदांता, जिंदल पावर और सरकारी कंपनी एनएलसी इंडिया उन कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहले दौर की बोली में हिस्सा लिया था।

खनिज (नीलामी) नियम, 2015 के मुताबिक अगर टीक्टूबी की संख्या 3 से कम रहती है तो कोई भी टीक्यूबी को योग्य बोलीदाता नहीं माना जाएगा और नीलामी की पहली कवायद रद्द कर दी जाएगी। मंत्रालय इन ब्लॉकों के लिए 3 बोली हासिल करने में सफल नहीं हुआ, इसलिए उसने 14 मार्च को उसने 7 ब्लॉकों की नीलामी के दूसरे दौर की घोषणा की।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 29 नवंबर को नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत के मौके पर भरोसा जताया था कि भारत अहम खनिजों में आत्मनिर्भरता हासिल कर लेगा। उन्होंने अनुमान लगाया था कि इन ब्लॉकों का मूल्य 45,000 करोड़ रुपये होगा।

बहरहाल इस क्षेत्र के जानकारों ने अहम खनिजों में भारत के आत्मनिर्भर होने को लेकर संदेह जताया है। भंडार के आंकड़ों में स्पष्टता न होने के कारण यह संदेह जताया जा रहा है।

First Published - May 26, 2024 | 10:43 PM IST

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