उद्योग

Coal Allocation: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विद्युत क्षेत्र में कोयला आवंटन के लिए ‘शक्ति’ योजना को मंजूरी दी

संशोधित योजना से ताप विद्युत संयंत्रों को कोयला लिंकेज मिलेगा, कोयले के आयात में कमी और प्रतिस्थापन को बढ़ावा मिलेगा

Published by
पूजा दास   
Last Updated- May 07, 2025 | 10:51 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को विद्युत क्षेत्र को कोयला आवंटन के लिए भारत में पारदर्शी तरीके से कोयला दोहन व आवंटन की संशोधित योजना (शक्ति) को मंजूरी दे दी। इस संशोधित योजना के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय क्षेत्र, राज्य क्षेत्र और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) के ताप विद्युत संयंत्रों को नए कोयला लिंकेज देने को मंजूरी दे दी है ताकि उन्हें अपनी जरूरतों के कोयला आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिल सके।

उल्लेखनीय है कि ‘अधिसूचित मूल्य पर कोयला’ खंड के अंतर्गत संयुक्त उद्यमों और उनकी अनुषंगी कंपनियों सहित केंद्रीय क्षेत्र की ताप विद्युत परियोजनाओं को कोयला लिंकेज प्रदान करने की मौजूदा व्यवस्था भी बरकरार रहेगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि ताप विद्युत संयंत्र, रेलवे, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल), अंतिम उपभोक्ता और राज्य सरकारें भी इससे लाभान्वित होंगी।

संशोधित शक्ति नीति के तहत दो नई खिड़की भी प्रस्तावित की गई है। पहली खिड़की के तहत संयुक्त उद्यमों और उनकी अनुषंगी कंपनियों सहित केंद्रीय क्षेत्र की ताप विद्युत परियोजनाओं को कोयला लिंकेज प्रदान करने की मौजूदा व्यवस्था भी बरकरार रहेगी। वहीं ऊर्जा मंत्रालय की सिफारिश पर नामांकन के आधार पर राज्यों को निर्धारित लिंकेज का इस्तेमाल, राज्यों में राज्य उत्पादन कंपनी द्वारा किया जा सकेगा।

इसके अलावा, राज्यों के लिए निर्धारित राशि का उपयोग राज्य अपने स्वयं के विद्युत उत्पादन निगमों, टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के माध्यम से पहचाने जाने वाले आईपीपी या विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 62 के तहत बिजली खरीद समझौता (पीपीए) रखने वाले मौजूदा आईपीपी द्वारा धारा 62 के तहत पीटीपीए रखने वाली नई विस्तार इकाई की स्थापना के लिए किया जा सकता है।

दूसरी खिड़की के तहत, कोई भी घरेलू कोयला आधारित विद्युत उत्पादक जिसके पास पीपीए है या जो संबद्ध नहीं है तथा आयातित कोयला आधारित विद्युत संयंत्र नीलामी के आधार पर 12 महीने तक की अवधि के लिए या 12 महीने से अधिक की अवधि के लिए 25 वर्ष तक कोयला प्राप्त कर सकते हैं और विद्युत संयंत्रों को अपनी इच्छानुसार बिजली बेचने की सुविधा प्रदान कर सकता है।

नई नीति के तहत, कारोबार करने में आसानी के साथ कोयला आवंटन के मौजूदा आठ अनुच्छेद को सिर्फ दो खिड़कियों में बांटा गया है। यह ऊर्जा क्षेत्र की सक्रिय कोयला आवश्यकताओं को भी पूरा करती है। मंत्रिमंडल ने बताया है कि नई नीति से कोयले के आयात में कमी और प्रतिस्थापन को बढ़ावा मिलेगा।

पुराने संयंत्रों के विस्तार को बढ़ावा देने के साथ-साथ संशोधित शक्ति योजना कोयला स्रोत के करीब नई ताप विद्युत संयंत्रों की स्थापना को भी बढ़ावा देगी। इससे ऊर्जा क्षेत्र में लिंकेज कोयला के जरिये उत्पादित बिजली की बिक्री भी हो सकेगी। मंत्रिमंडल ने बताया कि इससे न केवल बिजली एक्सचेंजों में बिजली की उपलब्धता बढ़ाकर ऊर्जा बाजार को मजबूत किया जाएगा बल्कि उत्पादन स्टेशनों का कम से कम उपयोग भी सुनिश्चित होगा।

First Published : May 7, 2025 | 10:49 PM IST