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बंदरगाहों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप बढ़ाकर 80 फीसदी करने का लक्ष्य, केंद्र ने नीति आयोग को सौंपा प्रस्ताव

अभी तक 42,400 करोड़ रुपये मूल्य की 81 परियोजनाओं की पहचान की गई है और इन्हें पीपीपी मॉडल के तहत आवंटित करने का प्रस्ताव है।

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ध्रुवाक्ष साहा   
Last Updated- May 27, 2024 | 6:11 AM IST

बंदरगाहों में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) की हिस्सेदारी बढ़ाकर 80 फीसदी करने के उद्देश्य से सरकार वित्त वर्ष 2024-25 में 10,000 करोड़ रुपये मूल्य की संप​त्तियों का मुद्रीकरण (port monetisation) करने की संभावना तलाशेगी। घटनाक्रम से अवगत कई सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।

एक वरिष्ठ सरकारी अ​धिकारी ने कहा कि  पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने 5 परियोजनाओं में 10,000 करोड़ रुपये के मुद्रीकरण का प्रस्ताव नीति आयोग को सौंपा है। नीति आयोग संप​त्ति मुद्रीकरण के लिए सरकार की नोडल संस्था है।

इस बारे में जानकारी के लिए पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय को बीते शु​क्रवार को ईमेल किया गया था मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया। हालांकि नई चिह्नित की गई परियोजनाएं पोत परिवहन मंत्रालय की वित्त वर्ष 2025 के लिए मुद्रीकरण के लक्ष्य का एक छोटा हिस्सा है।

इनमें तमिनलाडु के तूतीकोरिन वीओ चिदंबरनार पोर्ट अथॉ​रिटी (पूर्व नाम वीओ चिदंबरनार पोर्ट ट्रस्ट) में 7,055 करोड़ रुपये का कंटेनर टर्मिनल शामिल है, जो 2023 से ही पाइपलाइन में है। अप्रैल में इस परियोजना के लिए अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन, सिंगापुर की पीएस इंटरनैशनल (पूर्व नाम पोर्ट ऑफ सिंगापुर अथॉरिटी), डेनमार्क की वेन ओर्ड, तेएम बख्शी और जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर ने दिलचस्पी दिखाई थी।

परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र में वियतनाम की कंपनी विनफास्ट द्वारा इले​क्ट्रिक वाहन विनिर्माण कारखाना के लिए 16,000 करोड़ रुपये के निवेश, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टनम में दूसरा स्पेसपोर्ट और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सिंगापुर की सेम्बकॉर्प के 36,238 करोड़ रुपये के मेगा निवेश से प्रेरित नए निवेशकों की रुचि को भुनाना है।

पाइपलाइन में दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी (कांडला पोर्ट, गुजरात) के सैटेलाइट टर्मिनल पर बहुउद्देश्यीय कार्गो बर्थ भी शामिल है। बाजार में अनि​श्चितता और काफी निवेश को देखते हुए इस परियोजना में उद्योग की कम रुचि के कारण वर्तमान में इसकी निविदा नए सिरे से तैयार की जा रही है।

एक अन्य अ​धिकारी ने कहा, ‘मूल्य निर्धारण से संबं​धित कुछ पहलुओं, रियायत हासिल करने वाले के द्वारा ड्रेजिंग से संबं​धित प्रावधान और अन्य ब्योरों पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि नई निविदा में कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ेगी।’ केंद्र इस परियोजना से 1,700 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रहा है।

इसके अलावा नई परियोजनाओं में दो टर्मिनल – श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता और कांडला पोर्ट पर एक परियोजना शामिल हैं।

क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार बंदरगाह मुद्रीकरण करना थोड़ा जटिल है क्योंकि अ​धिकतर कमाई वाले टर्मिनल की नीलामी पहले ही हो चुकी है और मौजूदा टर्मिनल में बोलीदाताओं की कम दिलचस्पी दिख सकती है। पोत परिवहन मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में कहा था, ‘वित्त वर्ष 2024 में 9,080 करोड़ रुपये मूल्य की 5 पीपीपी परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है और 700 करोड़ रुपये की 8 पीपीपी परियोजनाओं का ठेका दिया जा चुका है।’

मुद्रीकरण लक्ष्य के मोर्च पर पोत परिवहन मंत्रालय का अभी तक का प्रदर्शन शानदार रहा है। इसने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत 12,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था।

अभी तक 42,400 करोड़ रुपये मूल्य की 81 परियोजनाओं की पहचान की गई है और इन्हें पीपीपी मॉडल के तहत आवंटित करने का प्रस्ताव है। मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024 में 6,800 करोड़ रुपये मूल्य की 20 टर्मिनल परियोजनाओं के मुद्रीकरण का लक्ष्य रखा था।

First Published : May 27, 2024 | 6:11 AM IST