प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
दीवाली नजदीक आते ही कंपनियां अपने कर्मचारियों, ग्राहकों और भागीदारों के लिए उपहार तैयार कर रही हैं। वे बिस्कॉफ मथुरा पेड़े या मेडजौल खजूर जैसी मिठाई से लेकर विशेष रूप से तैयार हस्तनिर्मित पीतल की वस्तुएं या बहुउद्देशीय यात्रा किट जैसी वस्तुओं तक कुछ अलग हटकर उपयोगी और टिकाऊ उपहार भेंट करने की योजना बना रही हैं।
एमेजॉन बिजनेस के निदेशक मित्रंजन भादुड़ी का कहना है, ‘कंपनियां अब अन्य महत्त्वपूर्ण अवसरों की तरह ही दीवाली पर भी उपहार देने के लिए बहुत सोच-समझ कर निर्णय ले रही हैं।’ उन्होंने कहा कि उनके प्लेटफॉर्म पर कॉर्पोरेट उपहार की मांग में साल-दर-साल 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
दिल्ली स्थित प्रीमियम मिठाई ब्रांड खोया मिठाई को उम्मीद है कि दीवाली पर उसकी बिजनेस-टु-बिजनेस बिक्री में 30-35 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। खोया मिठाई के संस्थापक सिड माथुर का कहना है, ‘व्हाइट चॉकलेट आम पापड़ बर्फी और रोज-ऐंड-चॉकलेट कतली जैसे अद्वितीय उत्पादों की बहुत अधिक मांग है। उपहारों में इन्हें आमतौर पर कलात्मक थालियों या घंटाघर जैसी सजावटी वस्तुओं के साथ पेश किया जाता है।’
इस सीजन जरूरत के हिसाब से बेहतर और विशिष्ट उपहार देने के बढ़ते चलन पर बात करते हुए एफएनपी के मुख्य विपणन अधिकारी अवि कुमार कहते हैं, ‘कंपनियां स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ-साथ फूलों का शानदार गुलदस्ता, पौधे, देखभाल किट, टेक एक्सेसरीज और डिजिटल वाउचर जैसे खास उपहार चुन रही हैं।’ एक ही पारंपरिक मिठाई के पांच अद्वितीय स्वाद वाले उपहार और पौधों के साथ देखभाल किट के अधिक ऑर्डर मिल रहे हैं।
स्वास्थ्य की देखभाल के प्रति सतर्कता के बढ़ते रुझान को देखते हुए एम्ब्रेस गिफ्टिंग सॉल्यूशंस की संस्थापक नितिका सेठ का कहना है कि अब कंपनियां ऐसा उपहार देने पर प्राथमिकता दे रही हैं, जो स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचाए। उन्होंने कहा, ‘बाजरे की मट्ठी और खजूर की मिठाई जैसे व्यंजनों की मांग में तेज वृद्धि देखी जा रही है।’
ऑनलाइन उपहार मंच आईजीपी पर इस वर्ष औसत उपहार की कीमत लगभग 1,500 रुपये है, जबकि प्रीमियम उपहार 10,000 रुपये या इससे अधिक में मिल रहे हैं। आईजीपी के संस्थापक और सीईओ तरुण जोशी का कहना है, ‘लंबे समय से जुड़े ग्राहकों के लिए हमने हाल ही में सूटकेस में पैक किए गए 150-150 ग्राम के पैकेट में 6 किस्मों के सूखे मेवों के साथ 8,000 उपहारों के ऑर्डर भेजे हैं। एक अन्य ऑर्डर में फर और साबर से बने बक्से थे।’ क्लासिक मिठाई और उपहारों के रुझान से हटकर क्रिप्टो एक्सचेंज फर्म कॉइनडीसीएक्स ने अपने कर्मचारियों के लिए ट्रॉली बैग, नेक पिलो, टेक ऑर्गनाइजर और यात्रा टैग सहित यात्रा किट भेंट करने की योजना बनाई है। कॉइनडीसीएक्स के संस्थापक-पार्टनर मृदुल गुप्ता का कहना है, ‘यह सब एक मजेदार, क्रिप्टो-प्रेरित मोड़ के साथ डिजाइन किया गया है, जो एक नई तरह की शुरुआत है।’
गुरुग्राम के प्रीमियम हैंडबैग ब्रांड मिराजियो के संस्थापक और सीईओ मोहित जैन ने कहा, ’19 से 26 अक्टूबर तक कर्मचारियों को अपने परिवार और प्रियजनों के साथ समय बिताने का अवसर दिया जाएगा।’ फैशन-एक्सेसरी प्रमुख टाइटन कंपनी दीवाली पर उपहार देने को केवल वस्तुओं का आदान-प्रदान नहीं मानती है। कंपनी के मुख्य जन अधिकारी स्वदेश बेहरा कहते हैं, ‘हम ऐसे उपहार देने की कोशिश करते हैं जो हमारे साथ साझेदारी करने वाले हर व्यक्ति के लिए जरूरत के मुताबिक हों।’
उपहार के मामले में कंपनियों की पसंद तेजी से बदल रही है। कंपनियां खुलकर ऐसे उपहार देने पर पैसा खर्च कर रही हैं जिनसे उसकी नैतिकता, रणनीति और कभी-कभी वित्तीय स्थिति को भी परिलक्षित करते हों। सूरत स्थित इमेज कंसल्टेंट अनीता सिंह का कहना है, ‘खराब तरीके से चुने गए उपहार यह संदेश दे सकते हैं कि कंपनी को अपने कर्मचारियों की परवाह नहीं है।’
आईजीपी के जोशी का कहना है कि कंपनियां अक्सर महीनों पहले क्यूरेटर के साथ सहयोग करती हैं। उन्होंने कहा, ‘कॉरपोरेट्स के उपहार ऑर्डर मूल्य में सालाना औसतन 10-15 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है।’ द बॉम्बे स्वीट शॉप का संचालन करने वाले हंगर इंक हॉस्पिटैलिटी के संस्थापक और सीईओ समीर सेठ का कहना है कि हालांकि इस साल उपहार बजट में वृद्धि हुई है, लेकिन असली चीज यह है कि कंपनियां उन्हें कैसे भेंट कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘अब मात्रा से अधिक गुणवत्ता, क्यूरेशन और अनुभव पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।’ एम्ब्रेस गिफ्टिंग की नितिका सेठ के अनुसार, कंपनियां सूक्ष्म डिजाइन की ओर भी बढ़ रही हैं। पहले, बड़े लोगो और नाम हुआ करते थे, जिससे वस्तुओं की उपयोगिता कम हो जाती थी। अब, वे छोटे पैटर्न, रंग-कोडिंग और अधिक खूबसूरत पैकिंग पर ध्यान दे रही हैं।