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अफगानिस्तान में निवेश के लिए बैठक करेंगे मुत्तकी, खनन क्षेत्र में व्यापक अवसरों पर होगी चर्चा

अफगानिस्तान को उम्मीद है कि भारत की सरकारी एवं निजी कंपनियां खनन और बिजली क्षेत्र में निवेश बढ़ाएंगी, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार में इजाफा होगा

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- October 12, 2025 | 9:54 PM IST

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने अपने एक सप्ताह के भारत दौरे के चौथे दिन रविवार को कहा कि वह अगले दो दिनों में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडलों के साथ बैठक करने वाले हैं। मुत्तकी ने कहा कि इस बैठक में विशेष रूप से अफगानिस्तान में खनन क्षेत्र में व्यापक अवसरों पर चर्चा होगी।अफगानिस्तान पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने के बाद तालिबान भारत के साथ अपने संबंध सुधारने का प्रयास कर रहा है। उसे उम्मीद है कि भारत की सरकारी एवं निजी कंपनियां खनन एवं बिजली क्षेत्र में निवेश बढ़ाएंगी, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार में इजाफा होगा।

तालिबान के पाकिस्तान के साथ बिगड़ते संबंधों के बीच भारत ने अफगानिस्तान में अपनी विकास परियोजनाएं दोबारा शुरू करने की प्रतिबद्धता जताई है। मुत्तकी की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब तालिबान के इस्लामाबाद के साथ संबंध काफी खराब हो गए हैं, क्योंकि गुरुवार से लगातार दोनों देशों के बीच सीमा पर झड़पों की खबरें आ रही हैं।

तालिबान और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच झड़पों के बीच अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में ‘कुछ लोग’ समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान ने शनिवार रात की झड़पों में अपना मकसद पूरा कर लिया। अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का कोई सदस्य नहीं है।

पाकिस्तान ने तालिबान शासन पर टीटीपी आतंकवादियों को आश्रय देने का आरोप लगाया है, जिसे वह पाकिस्तान के अंदर कई हमलों के लिए दोषी ठहराता रहा है। इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसने अफगानिस्तान से लगती सीमा पर झड़पों में 200 से अधिक ‘तालिबान एवं उससे संबद्ध आतंकवादियों’ को मार डाला। उसने यहां 23 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की बात भी स्वीकार की है। उधर काबुल में तालिबान सरकार ने कहा कि उसकी सेना ने 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मारा है। सीमा पर झड़प काबुल द्वारा इस्लामाबाद पर अफगानिस्तान के क्षेत्र के अंदर हवाई हमले करने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद हुईं।

मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान पाकिस्तान के साथ किसी भी विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है लेकिन प्रयास सफल नहीं होते हैं तो वह अपने ‘अन्य साधन’ अपनाने में सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के लोगों एवं वहां की सरकार के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं, लेकिन वहां कुछ तत्व समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इतिहास गवाह है कि अफगानिस्तान किसी भी बाहरी आक्रमण का सामना करने में पूरी तरह एकजुट रहा है।’ अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि कतर एवं सऊदी अरब सहित मित्र देशों ने काबुल से संपर्क किया है और कहा कि लड़ाई बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमारी ओर से लड़ाई बंद कर दी गई है और स्थिति नियंत्रण में है।’

विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अपनी बातचीत के बारे में शुक्रवार को मीडिया को जानकारी देते हुए मुत्तकी ने कहा कि जल्द ही काबुल और दिल्ली के बीच यात्री उड़ानें शुरू होंगी। उन्होंने बताया कि अमृतसर, दिल्ली, मुंबई से काबुल तथा कंधार के बीच हवाई मालवाहक उड़ानें भी संचालित होंगी। दोनों देश व्यापारिक मुद्दों पर विचार करने के लिए संयुक्त समिति बनाएंगे। यही नहीं अफगान नागरिकों को शिक्षा और इलाज के मकसद से आने के लिए भारत अधिक वीजा जारी करेगा।

मुत्तकी ने कहा कि महिला पत्रकारों को उनके संवाददाता सम्मेलन से बाहर रखना एक ‘तकनीकी मुद्दा’ है। मुत्तकी गुरुवार को भारत पहुंचे थे और शुक्रवार को विदेश मंत्री जयशंकर के साथ बातचीत की। उसी दिन उन्होंने नई दिल्ली में अफगान दूतावास में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। मगर यह सम्मेलन कथित तौर पर महिला पत्रकारों को बाहर रखने के लिए विवादों में घिर गया। मुत्तकी ने शनिवार को देवबंद मदरसे का दौरा किया मगर रविवार को ताजमहल देखने के लिए आगरा जाने की अपनी योजना रद्द कर दी। मुत्तकी ने रविवार दोपहर नई दिल्ली में अफगान दूतावास में एक और संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लिया जो लगभग दो घंटे तक चला।

इस दौरान मुत्तकी ने यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि शुक्रवार को उनके संवाददाता सम्मेलन में महिलाओं की अनुपस्थिति ‘एक तकनीकी मुद्दा था और कोई अन्य समस्याएं नहीं थीं’। उन्होंने इस वाकये के लिए पत्रकारों की उस सूची को जिम्मेदार ठहराया जो उनके कर्मचारियों को प्रदान की गई थी। रविवार को मुत्तकी के संवाददाता सम्मेलन में महिला पत्रकारों की अच्छी खासी संख्या थी। विपक्षी नेताओं और पत्रकारों के संगठनों ने शुक्रवार को मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को कथित तौर पर प्रतिबंधित करने की निंदा की थी। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान दूतावास में शुक्रवार को आयोजित उस संवाददाता सम्मेलन में उसकी कोई भूमिका नहीं थी।

महिलाओं के साथ व्यवहार पर मुत्तकी ने दावा किया कि अफगानिस्तान में स्कूलों सहित शैक्षणिक संस्थानों में 1 करोड़ छात्र पढ़ रहे हैं, जिनमें 28 लाख महिलाएं हैं। शुक्रवार को जयशंकर ने काबुल में भारत के ‘तकनीकी मिशन’ को दूतावास का दर्जा देने की घोषणा की। वहीं मुत्तकी ने कहा कि उनकी सरकार अपने राजनयिकों को दिल्ली भेजेगी।

मुत्तकी ने कहा कि दोनों पक्षों ने इस बारे में चर्चा की है कि प्रतिबंधों का सामना कर रहे चाबहार बंदरगाह से आने-जाने वाले पारगमन को और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जाए। अफगान पक्ष ने वाघा सीमा खोलने का भी अनुरोध किया और कहा कि यह भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार का सबसे नजदीक मार्ग है।

First Published : October 12, 2025 | 9:54 PM IST