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Budget 2025: उद्योग जगत की सस्ते ईंधन और टैक्स छूट की मांग, क्या मिलेगा जनता को तोहफा?

मध्य वर्ग को कर छूट, पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी, और एमएसएमई के लिए प्रोत्साहन पर जोर

Last Updated- January 07, 2025 | 8:45 PM IST
New Tax Slab

उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने सोमवार को वित्त मंत्रालय के साथ बजट से पहले हुई चर्चा के दौरान मध्य वर्ग को कर राहत देने, ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कमी करने और सार्वजनिक पूंजीगत व्यय पर जोर बनाए रखने का सुझाव दिया दिया है। आगामी बजट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और शीर्ष अधिकारियों के साथ पांचवें दौर के विचार-विमर्श में रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा देने के कदमों के अलावा वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कारक बाजार सुधार पर जोर दिया गया।

प्रमुख उद्योग संगठनों जैसे भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और द एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने होटल और टूरिज्म सेक्टर को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे आतिथ्य क्षेत्र में विदेशी निवेश आकर्षित करने और उधारी की लागत घटाने में मदद मिलेगी और देश भर में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सीआईआई के चेयरमैन संजीव पुरी ने कहा कि सरकार को खर्च किए जा सकने वाली आमदनी बढ़ाने के लिए कदम उठाना चाहिए, जिससे ग्राहकों द्वारा व्यय बढ़े और आर्थिक वृद्धि को गति मिले।

मध्य वर्ग को आर्थिक राहत देने की वकालत करते हुए पुरी ने कहा कि उद्योग ने 20 लाख रुपये तक सालाना कमाने वाले व्यक्तियों को कर छूट दिए जाने का प्रस्ताव किया है। साथ ही डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क घटाने की मांग की गई है, जिससे उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम हो सके।

पुरी ने जोर दिया कि महात्मा गांधी राष्ट्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत न्यूनतम मजदूरी की दर बढ़ाई जानी चाहिए और राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन तय करने के लिए बनी विशेषज्ञों की सिफारिश के मुताबिक इसे वित्त वर्ष 2024 के 267 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 375 रुपये प्रतिदिन किया जाना चाहिए।

उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा कि मौजूदा वैश्विक तनातनी के कारण अनिश्चितता को देखते हुए सरकार को फिजिकल, सोशल और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सार्वजनिक पूंजीगत व्यय को बनाए रखना चाहिए, जिससे वृद्धि की गति बनी रहे। फिक्की के वाइस चेयरमैन विजय शंकर ने कहा कि समय के साथ वित्तीय गुणवत्ता सुधरी है और राजस्व व्यय की जगह उत्पादक पूंजीगत व्यय को प्राथमिकता मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमने प्रस्ताव किया है कि सरकार को 2024-25 की तुलना में वित्त वर्ष2026 में पूंजीगत व्यय 15 फीसदी बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को कई टीडीएस व टीसीएस दरों को तार्किक बनाने के लिए उन्हें साधारण 2 या 3 स्तरीय कर ढांचों में बदलने की जरूरत है, जिससे वर्गीकरण के विवादों से बचा जा सके और उद्योग में कार्यशील पूंजी को फंसने से रोका जा सके। उन्होंने कहा, ‘ऐसे लेनदेन पर टीडीएस/टीसीएस लगाने की परंपरा खत्म की जानी चाहिए जिन पर जीएसटी लगना है क्योंकि जीएसटी फाइलिंग के माध्यम से पहले ही जरूरी सूचनाएं उपलब्ध रहती हैं।’

कर सुधार के अलावा शंकर ने नीतिगत ढांचे को सक्षम बनाने की वकालत की है, जिससे 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य हासिल करने के लिए हरित क्षेत्रों के साथ बदलाव वाले क्षेत्रों के संसाधनों को लक्षित किया जा सके। उद्योग जगत ने प्रतिभूति लेनदेन कर खत्म किए जाने की मांग की है। उद्योग का तर्क है कि इस तरह के कदम से पूंजी बाजारों में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने प्रिजंप्टिव टैक्सेशन का दायरा एमएसएमई तथा डेटा सेंटर और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे उभरते क्षेत्रों तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। प्रिजंप्टिव टैक्सेशन एक सरलीकृत कर प्रणाली है, जहां छोटे कारोबारी अपनी सकल प्राप्तियों के अनुमान के एक निश्चित फीसदी में कर का भुगतान करते हैं और उन्हें वास्तविक आमदनी का विस्तृत लेखाजोखा नहीं देना होता है।

इस कदम का लक्ष्य कर अनुपालन सरल बनाना, विवाद कम करना और कारोबार के लिए वित्तीय योजना बनाने में सहयोग करना है। नायर ने कौशल विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई यूनिवर्सिटी बनाने के साथ ऐसे उद्यमों के लिए एकीकृत इन्फ्रास्ट्रक्चर टाउनशिप विकसित करने की भी मांग की है, जहां परीक्षण और शोध एवं विकास केंद्र, वित्तीय संस्थान, आवास, स्कूल और प्रशिक्षण केंद्र जैसी सुविधाएं हों।

बजट पूर्व इस बैठक में सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज अखौरी, आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स की पूर्व अध्यक्ष भावना जी दोशी, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के चेयरमैन सतीश रेड्डी, टाटा स्टील कॉर्पोरेट सर्विसेज के वाइस प्रेसीडेंट चाणक्य चौधरी, ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह शामिल थे। चर्चा में शामिल अन्य लोगों में इंडियन इलेक्ट्रिकल ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरस एसोसिएशन के अध्यक्ष (निर्वाचित) विक्रम गंडोत्रा और नैशनल एल्युमीनियम कंपनी के पूर्व सीएमडी बजरंग लाल बागड़ा भी शामिल रहे।

 

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First Published - December 30, 2024 | 10:53 PM IST

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