चीन द्वारा 4 अप्रैल से किए गए निर्यात प्रतिबंधों के कारण दुर्लभ खनिजों और मैग्नेट संकट के बाद अब खान मंत्रालय दुर्लभ खनिजों के पुनर्चक्रण के लिए 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना लाने की योजना बना रहा है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह बताया है।
अधिकारी ने बताया कि इसके साथ-साथ दुर्लभ खनिज और खनिज मैग्नेट के अनुसंधान एवं विकास में विशेषज्ञता रखने वाली हैदराबाद की मिडवेस्ट ऐडवांस्ड मेटेरियल्स प्राइवेट लिमिटेड (मैम) मैग्नेट के प्रसंस्करण के लिए इसकी प्रौद्योगिकी हासिल करने के लिए नन फेरस मैटेरियल्स टेक्नॉलजी डेवलपमेंट सेंटर (एनएफटीडीसी), हैदराबाद के साथ बातचीत कर रही है। पुनर्चक्रण के लिए प्रोत्साहन योजना नियोडिमियम (लैंथेनाइड श्रृंखला का एक दुर्लभ-पृथ्वी तत्व), तांबा, लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे दुर्लभ खनिजों पर केंद्रित होगी और यह जनवरी में घोषणा की गई राष्ट्रीय दुर्लभ खनिज मिशन (एनसीएमएम) का हिस्सा होगी।
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अधिकारी ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य दुर्लभ खनिजों के पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करना है। दुर्लभ खनिज मैग्नेट भी इन दुर्लभ खनिजों में शामिल हैं। पुराने स्थायी मैग्नेट का पुनर्चक्रण करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन अगर कोई चार दुर्लभ खनिजों में से एक नियोडिमियम का पुनर्चक्रण करना चाहता है, तो हम प्रोत्साहन प्रदान करेंगे।’ उन्होंने कहा कि योजना अंतिम चरण में है और इसके लिए जल्द ही मंत्रिमंडल की मंजूरी ली जाएगी।