इंडिगो ने बुधवार को घोषणा की कि वित्त वर्ष 2026 की जून तिमाही में उसका समेकित शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 20.5 फीसदी घटकर 2,174.9 करोड़ रुपये रह गया। हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों, भू-राजनीतिक व्यवधानों और एआई171 दुर्घटना के असर की वजह से पहली तिमाही में कंपनी के समेकित शुद्ध लाभ पर दबाव पड़ा है। इस दुर्घटना के कारण बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द हुईं और टिकटों की बिक्री कम हुई।
इंडिगो के मुख्य वित्तीय अधिकारी गौरव नेगी ने कहा, ‘जून तिमाही में कई बाहरी बड़ी घटनाओं का प्रभाव देखा गया। भू-राजनीतिक घटनाएं, हवाई क्षेत्र प्रतिबंध और भारतीय विमानन क्षेत्र में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारण उड़ानें और यात्राएं रद्द करने की रफ्तार बढ़ गई और टिकट से कमाई में कमी आई।’ उन्होंने कहा कि व्यापक भू-राजनीतिक हालात प्रतिकूल होने से मुनाफे पर असर पड़ा। लेकिन ईंधन की कीमतों में कमी से कुछ राहत मिली।
एयरलाइन ने तिमाही की अच्छी शुरुआत की थी। लेकिन मई और जून तक हालात बिगड़ गए। नेगी ने कहा, ‘हालांकि अप्रैल के अधिकांश समय में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा। लेकिन मई और जून में भू-राजनीतिक चुनौतियां सामने आईं जिससे बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द हुईं और लाभ सामान्य नहीं हो पाया।’ तिमाही के लिए कुल आय सालाना आधार पर छह प्रतिशत बढ़कर 21,542.6 करोड़ रुपये हो गई।
ह्युंडै मोटर इंडिया लिमिटेड का एकीकृत शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 8.1 फीसदी की गिरावट के साथ 1,362.3 करोड़ रुपये रह गया। इस पर सुस्त घरेलू मांग, हैचबैक की कमजोर बिक्री, तनावपूर्ण भूराजनीतिक हालात और आर्थिक अनिश्चितताओं का असर पड़ा।
ह्युंडै ने यह भी पाया कि उपभोक्ताओं का रुझान एंट्री-लेवल हैचबैक की बजाय कॉम्पैक्ट एसयूवी की ओर हो रहा है जिससे इस सेगमेंट की बिक्री पर असर पड़ा है। लागत के दबाव के बावजूद एचएमआईएल निर्यात वृद्धि, सीएनजी की ज्यादा पहुंच और अनुशासित मूल्य निर्धारण के दम पर 13.3 फीसदी का एबिटा मार्जिन बरकरार रखने में कामयाब रही।
एचएमआईएल के प्रबंध निदेशक उनसू किम ने कहा, आर्थिक चुनौतियों और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण मांग में लंबे समय से जारी नरमी ने बाजार की धारणा पर दबाव बनाए रखा। उन्होंने कहा, हालांकि हमने अपनी ग्रामीण मौजूदगी बढ़ाने, अपने वाहनों के लाइनअप को अपडेट करने और ब्रांड की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने पर ध्यान दिया। तिमाही के दौरान ह्युंडै की घरेलू बिक्री में ग्रामीण बाजारों का योगदान 23 फीसदी रहा, जो कंपनी की अब तक की सबसे अधिक ग्रामीण पहुंच है। एचएमआईएल के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा, हैचबैक सेगमेंट सिकुड़ रहा है। वित्त वर्ष 2021 में यात्री वाहन बाजार में इसकी हिस्सेदारी 46 फीसदी थी जो पहली तिमाही में गिरकर सिर्फ 21 फीसदी रह गई। उन्होंने कहा, हम स्पष्ट बदलाव देख रहे हैं। छोटी कारों के बजाय खरीदार एक्सटर जैसी एंट्री-लेवल एसयूवी को पसंद कर रहे हैं।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा का चालू वित्त वर्ष (2025-26) की अप्रैल-जून तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 24 प्रतिशत बढ़कर 4,083 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की पहली तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 3,283 करोड़ रुपये रहा था। मुंबई की कंपनी ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में उसकी परिचालन आय बढ़कर 45,529 करोड़ रुपये हो गई जो एक साल पहले इसी तिमाही में 37,218 करोड़ रुपये थी। कंपनी का शेयर बुधवार को 0.62 प्रतिशत चढ़कर 3,217.05 रुपये पर बंद हुआ।
सार्वजनिक क्षेत्र की पावरग्रिड कॉरपोरेशन का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 2.5 प्रतिशत घटकर 3,630.58 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी ने बताया कि मुनाफे में यह गिरावट खर्च बढ़ने के कारण हुई। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 3,723.92 करोड़ रुपये रहा था। पावरग्रिड ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसकी कुल आमदनी समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 11,444.42 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 11,279.59 करोड़ रुपये थी। उसका खर्च बढ़कर आलोच्य तिमाही में 7,114.23 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,643.07 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने निदेशक मंडल ने 2025-26 के लिए निजी नियोजन के तहत गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने सहित विभिन्न स्रोतों से उधार सीमा को 16,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दी है। निदेशक मंडल ने 2026-27 के दौरान एक या एक से अधिक किस्तों में घरेलू बॉन्ड सहित विभिन्न स्रोतों से 30,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
जायडस वेलनेस लिमिटेड का वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 13.4 प्रतिशत घटकर 127.9 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी का गत वित्त वर्ष 2024-25 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में मुनाफा 147.7 करोड़ रुपये रहा था। जायडस वेलनेस ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की परिचालन आय 860.9 करोड़ रुपये रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 841 करोड़ रुपये थी। इस दौरान उसका कुल व्यय 694.4 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 718.6 करोड़ रुपये हो गया। जायडस वेलनेस के पास ग्लूकोन-डी, न्यूट्रालाइट, कॉम्प्लान, शुगर फ्री, नाइसिल और एवरयूथ नेचुरल्स सहित कई ब्रांड हैं।
प्रोक्टर ऐंड गैंबल हाइजीन ऐंड हेल्थ केयर (पीजीएचएच) का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 26 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान पिछले साल के मुकाबले दोगुना से ज्यादा बढ़कर 192 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी ने विज्ञापनों पर ज्यादा खर्च किया था। जून में समाप्त तिमाही में कंपनी का परिचालन से राजस्व मोटे तौर पर 937 करोड़ रुपये के स्तर पर स्थिर रहा। इस तिमाही में उसका विज्ञापन व्यय 55.3 प्रतिशत घटकर 69 करोड़ रुपये रह गया। अप्रैल-जून तिमाही में इसका पीबीआईडीटी (ब्याज, मूल्यह्रास और कर पूर्व लाभ) 118 प्रतिशत बढ़कर 274 करोड़ रुपये हो गया।
एचएसबीसी इंडिया ने साल 2025 की पहली छमाही (30 जून तक) के दौरान 93.1 करोड़ डॉलर का कर-पूर्व लाभ (पीबीटी) दर्ज किया है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में दर्ज किए 16.7 प्रतिशत के मुनाफे से अधिक है। इस प्रकार यह बैंक के 15.81 अरब डॉलर के कुल शुद्ध लाभ में हॉन्ग कॉन्ग और ब्रिटेन के बाद तीसरा सबसे बड़ा योगदान देने वाला देश बन गया है। एशिया में एचएसबीसी इंडिया का कर-पूर्व लाभ हॉन्ग कॉन्ग के बाद दूसरा सबसे अधिक है। 30 जून, 2024 को समाप्त छमाही में ब्रिटेन के इस बैंक की भारत शाखा ने 79.8 करोड़ डॉलर का कर-पूर्व लाभ दर्ज किया था।
क्विक कॉमर्स यूनिकॉर्न कंपनी जेप्टो का राजस्व वित्त वर्ष 25 में 149.4 प्रतिशत बढ़कर 11,110 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 24 में कंपनी का राजस्व 4,454 करोड़ रुपये रहा। मुंबई की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स द्वारा कंपनी के रकम जुटाने के मौजूदा दौर के तहत 7.5 करोड़ रुपये का निवेश करने के बाद ये आंकड़े सामने आए हैं। इसके परिणामस्वरूप एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स ने कंपनी में 0.039 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की है। जेप्टो ने कहा कि इस निवेश के साथ उसका मूल्यांकन 5 अरब डॉलर से अधिक बना हुआ है।
इस साल मई में मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड के संस्थापक मोतीलाल ओसवाल और रामदेव अग्रवाल ने जेप्टो में 10 करोड़ डॉलर के शेयर खरीदे थे। इनमें से प्रत्येक ने निजी स्तर पर 5 करोड़ डॉलर के शेयर खरीदे थे। एडलवाइस और हीरो फिनकॉर्प भी इस दौर में भाग लेने वाली थी। मीडिया की खबरों के अनुसार वर्तमान में जेप्टो 50 करोड़ डॉलर की रकम जुटाने वाले दूसरे दौर को अंतिम रूप दे रही है।
टाटा स्टील ने जून तिमाही (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) के दौरान समेकित शुद्ध लाभ में पिछले साल की तुलना में 116.51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह बढ़कर 2,077.68 करोड़ रुपये हो गया। इस्पात की शुद्ध प्राप्तियों और नियोजित लागत कटौती की वजह से यह वृद्धि हुई। एक साल पहले इसी अवधि में इस प्रमुख इस्पात कंपनी का शुद्ध लाभ 959.61 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में समेकित आधार पर कुल राजस्व 53,178.12 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 2.91 प्रतिशत कम है। तिमाही आधार पर राजस्व में 5.41 प्रतिशत की गिरावट आई और शुद्ध लाभ में 59.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
टाटा स्टील इंडिया ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 31,137 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में यह 33,195 करोड़ रुपये था। करोपरांत लाभ (पीएटी) 3,454 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 3,337 करोड़ रुपये था। जमशेदपुर और नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड में रखरखाव की वजह से काम बंद होने से भारत में तिमाही उत्पादन और वितरण पर असर पड़ा। कंपनी को उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में यह सामान्य हो जाएगा। ब्रिटने में इस तिमाही के दौरान राजस्व 53.6 करोड़ पाउंड रहा। एबिटा घाटा वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के 8 करोड़ पाउंड के नुकसान के मुकाबले घटकर 4.1 करोड़ पाउंड रह गया।
टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के बोर्ड ने मंगलवार को इटली स्थित इवेको समूह के वाणिज्यिक ट्रक कारोबार का टाटा मोटर्स द्वारा संभावित अधिग्रहण पर चर्चा की। यह अधिग्रहण 2008 में फोर्ड मोटर्स से जगुआर लैंड रोवर की ऐतिहासिक खरीद के बाद टाटा मोटर्स का दूसरा बड़ा वैश्विक अधिग्रहण होगा। प्रस्तावित सौदे से यूरोप में टाटा मोटर्स की मौजूदगी का उल्लेखनीय विस्तार होने और पश्चिमी बाजारों के अनुरूप वाणिज्यिक वाहन डिज़ायन और तकनीक में इसकी क्षमताओं में वृद्धि होने की उम्मीद है। टाटा मोटर्स में टाटा संस की 42.5 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा मोटर्स के शेयरों में 3.5 फीसदी की गिरावट आई, क्योंकि मीडिया में अटकलें लगाई जा रही थीं कि औपचारिक घोषणा शीघ्र ही होने वाली है और इससे टाटा मोटर्स को 4.5 अरब डॉलर की लागत उठानी पड़ेगी।