रियल्टी फर्म DLF की रेंटल आर्म DCCDL गुरुग्राम में 75 लाख वर्ग फीट के प्राइम ऑफिस और रिटेल स्पेस बनाने के लिए लगभग 6,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी ने टॉप क्वालिटी वाली ग्रीन कमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग को देखते हुए यह फैसला लिया है। DLF साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड (DCCDL) DLF और सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड GIC के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है। DLF के पास इस फर्म में लगभग 67 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
इस वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही के अपने इन्वेस्टर्स प्रेजेंटेशन में DLF ने बताया कि रेंटल आर्म की शाखा DCCDL ने अपने अल्ट्रा-प्रीमियम कमर्शियल प्रोजेक्ट ‘DLF डाउनटाउन, गुरुग्राम’ के नए चरण में 55 लाख वर्ग फीट के ग्रेड A प्लस ऑफिस स्पेस का निर्माण शुरू कर दिया है। अब तक 37 लाख वर्ग फीट का क्षेत्र पूरा हो चुका है। सूत्रों के अनुसार, इस ऑफिस कॉम्प्लेक्स और एक शॉपिंग मॉल बनाने में कुल निवेश लगभग 6,000 करोड़ रुपये होगा। हालांकि, कंपनी के प्रवक्ता ने इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
DLF ग्रुप की किराये से आय देने वाली संपत्तियों (Rent-yielding Assets) को संभालने वाली संस्था DCCDL के पास 404 लाख वर्ग फीट का ऑपरेशनल किराये का पोर्टफोलियो है, जिसमें से 364 लाख वर्ग फीट ऑफिस स्पेस और 40 लाख वर्ग फीट रिटेल रियल एस्टेट है।
भारतीय ऑफिस मार्केट के रुझान पर DLF के वाइस चेयरमैन और MD (रेंटल बिजनेस) श्रीराम खट्टर ने कहा, “वैश्विक कंपनियां, खासकर टेक्नोलॉजी फर्म्स, हाई क्वालिटी वाले ह्यूमन टैलेंट और विश्व-स्तरीय कमर्शियल स्पेस की ओर आकर्षित हो रही हैं। ये कंपनियां ग्रेड A++ ऑफिस स्पेस की तलाश करती हैं, जो सस्टेनेबिलिटी , ग्रीन इनिशिएटिव, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और स्केलेबिलिटी पर हाई रेटिंग रखते हों।”
उन्होंने कहा, “DLF इन चीजों को सबसे बेहतर तरीके से मुहैया कराने की कोशिश करता है और कभी-कभी उनके लंबे समय की स्पेस जरूरतों के लिए खास तौर पर तैयार किए गए समाधान भी देता है।” खट्टर ने बताया कि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) देश के प्रमुख शहरों में ऑफिस की मांग को बढ़ा रहे हैं।
शॉपिंग मॉल के विस्तार पर खट्टर ने कहा, “भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जहां एक विशाल मध्यम वर्ग और ऊपरी मध्यम वर्ग आर्थिक रूप से आगे बढ़ने की इच्छा रखता है। इसके साथ ही शहरी केंद्रों में भारी आबादी का आगमन संगठित रिटेल में मजबूत बढ़ोतरी का कारण बनेगा।”
बता दें कि DCCDL की ऑफिस और रिटेल स्पेस से किराये की आय इस वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में 10 प्रतिशत बढ़कर 1,194 करोड़ रुपये हो गई, जो कि अधिक ऑक्यूपेंसी और किराये में बढ़ोतरी के कारण हुई। कुल किराये की आय में से, DCCDL की ऑफिस संपत्तियों ने दिसंबर तिमाही में 962 करोड़ रुपये का किराया दिया, जो पिछले साल की समान अवधि में 876 करोड़ रुपये से 10 प्रतिशत अधिक है।
अगर बात DLF की करें तो वह मार्केट कैप के हिसाब से देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट फर्म है। इसकी दिल्ली-एनसीआर और तमिलनाडु बाजारों में मजबूत मौजूदगी है। कंपनी ने अपनी स्थापना से अब तक 185 से अधिक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट डेवलप किए हैं और 3,520 लाख वर्ग फीट से अधिक का एरिया डेवलप किया है। ग्रुप के पास आवासीय और कमर्शियल सेगमेंट में 2,200 लाख वर्ग फीट की विकास क्षमता है।
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