भारतीय दवा कंपनियां वित्त वर्ष 2025 में 9 से 11 फीसदी राजस्व वृद्धि दर्ज करने जा रही हैं। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा की हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका, यूरोप और अन्य उभरते देशों मजबूत प्रदर्शन के कारण राजस्व वृद्धि दमदार रहेगी। मगर उच्च मांग और नए उत्पादों की पेशकश से यह वृद्धि वित्त वर्ष 2024 में दर्ज की गई 13 से 14 फीसदी वृद्धि के मुकाबले कम रहेगी।
राजस्व वृद्धि में अमेरिकी बाजार फिर से बड़ा योगदानकर्ता बना रह सकता है। यह प्रदर्शन वित्त वर्ष 2024 के प्रदर्शन के बाद देखने को मिल रहा है जब भारतीय दवा कंपनियों ने अमेरिका से राजस्व में 18.3 फीसदी का इजाफा दर्ज किया था। नए उत्पादों की पेशकश, त्वरित मंजूरी और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के कारण मूल्य निर्धारण लाभ जैसे कारण से भी इस वृद्धि को दम मिला है।
मगर इक्रा ने चेताया है कि वित्त वर्ष 2025 में भी इन कारकों की स्थिरता देखना बाकी है। घरेलू बाजार में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है। इक्रा ने अपने सैंपल में रखे कंपनियों के लिए 7 से 9 फीसदी की राजस्व वृद्धि का अनुमान लगाया है। यह वित्त वर्ष 24 में दर्ज 6.4 फीसदी वृद्धि से अधिक है।
जरूरी दवाइयों की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) और असमान मॉनसून ने बीते साल की वृद्धि को प्रभावित किया है। मगर नए एमएलईएम के तहत न्यूनतम मूल्य वृद्धि के बाद भी बेहतर बिक्री रणनीतियों, ग्रामीण इलाकों में वृहद वितरण और नए उत्पादों की पेशकश से वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि बढ़ने की उम्मीद है।
यूरोपीय बाजार भी वृद्धि में योगदान दे सकता है। इक्रा ने सैंपल सेट के लिए 7 से 9 फीसदी राजस्व वृद्धि का अनुमान लगाया है। ऐसा वित्त वर्ष 2024 में 15.3 फीसदी की दमदार वृद्धि के बाद होगा। मगर बीते वित्त वर्ष में उच्च आधार प्रभाव से वित्त वर्ष 2025 के लिए वृद्धि में नरमी आने की आशंका है। उभरते बाजारों में भी पिछले वर्ष की गति के आधार पर वित्त वर्ष 2025 में 11 से 13 प्रतिशत की बेहतर वृद्धि देखने की उम्मीद है।