इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का एकीकृत शुद्ध लाभ जून मिताही में 6,109.69 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 2,226.80 करोड़ रुपये के एकीकृत शुद्ध लाभ के मुकाबले 174 फीसदी ज्यादा है। कंपनी की एकीकृत आय इस अवधि में 1,57,018.41 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 90,775.15 करोड़ रुपये रही थी।
कंपनी ने एक बयान में कहा, उच्च लाभ की मुख्य वजह इन्वेंट्री के फायदे और पेट्रोकेमिकल में बढिय़ा मार्जिन है।
कंपनी के चेयरमैन संतोष वैद्य ने कहा, सकल रिफाइनरी मार्जिन इस दौरान 6.58 डॉलर प्रति बैरल रहा। पिछले साल की समान अवधि में यह -1.98 डॉलर प्रति बैरल रहा था। उन्होंने कहा, इस अवधि में इन्वेंट्री के नफा-नुकसान को समायोजित करने के बाद मुख्य जीआरएम 2.24 डॉलर प्रति बैरल बैठता है।
र्ईंधन की मांग में सुधार पर टिप्पणी करते हुए वैद्य ने कहा, कि उन्हें दीवाली तक मांग कोविड पूर्व स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। पेट्रोल की मांग महामारी के पूर्व स्तर पर पहुंच गई है और हम अभी कोविड पूर्व स्तर से 4-5 फीसदी ज्यादा मांग देख रहे हैं। डीजल की मांग करीब 88-90 फीसदी है और मुझे उम्मीद है कि दीवाली तक यह कोविड पूर्व स्तर पर पहुंच जाएगी। एटीएफ को कोविड पूर्व स्तर पर पहुंचने के लिए हमें इस वित्त वर्ष के आखिर तक का इंतजार करना होगा।
वैद्य ने कहा कि इसकी वजह व्यक्तिगत वाहन को तरजीह दिया जाना है। डीजल की मांग कम है क्योंकि सार्वजनिक परिवहन अभी भी देश के कई इलाकों में प्रतिबंधित है।
भारत में र्ईंधन की मांग कोविड के निचले स्तर से पूरी तरह नहीं सुधरी है। एलपीजी का उपभोग हालांकि 2019 के स्तर से ऊपर है, लेकिन पेट्रोल, डीजल और जेट र्ईंधन अभी भी पिछड़ा हुआ है। एलपीजी की मांग इसलिए ज्यादा है क्योंकि ज्यादातर लोग अभी घर पर हैं। पेट्रोल, डीजल और जेट र्ईंधन की मांग इसलिए कम है क्योंकि लोग अनावश्यक यात्रा नहीं करना चाहते।
एक सवाल के जवाब में वैद्य ने कहा कि इंडियन ऑयल-पेट्रोनास जेवी के तहत अलग ब्रांडेड र्ईंधन आउटलेट होगा।
