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Indian Oil Q1FY25 results: सरकारी तेल कंपनी का मुनाफा 81 फीसदी घटा, कमजोर रिफाइनिंग मार्जिन का दिखा असर

Indian Oil Q1FY25 results: रिफाइनिंग मार्जिन में आई कमी तथा सरकार नियंत्रित दरों पर घरेलू रसोई गैस सिलेंडर (LPG) की लागत से कम दाम पर बिक्री की वजह से कंपनी का मुनाफा घटा है।

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अंशु   
Last Updated- July 30, 2024 | 5:20 PM IST

Indian Oil Q1FY25 results: देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने मंगलवार, 30 जून 2024 को वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के अपने नतीजों की घोषणा की। Q1FY25 में इस सरकारी तेल कंपनी के नेट प्रॉफिट में 81 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई। रिफाइनिंग मार्जिन में आई कमी तथा सरकार नियंत्रित दरों पर घरेलू रसोई गैस सिलेंडर (LPG) की लागत से कम दाम पर बिक्री की वजह से कंपनी का मुनाफा घटा है।

IOC का नेट प्रॉफिट 81 प्रतिशत घटकर 2,643.18 करोड़ रुपये पर आया

शेयर बाजार को दी सूचना में कंपनी ने बताया कि Q1FY25 में उसका स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 81 प्रतिशत घटकर 2,643.18 करोड़ रुपये रह गया। जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 13,750.44 करोड़ रुपये था। जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी ने 11,570.82 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। इस तरह जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में भी कंपनी के मुनाफे में बड़ी गिरावट आई है।

कमजोर रिफाइनिंग मार्जिन ने बनाया दबाव

कंपनी ने Q1FY25 में प्रत्येक बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर 6.39 अमेरिकी डॉलर कमाए। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन 8.34 डॉलर प्रति बैरल था।

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IOC को नहीं मिली 5,156.23 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी

डाउनस्ट्रीम ईंधन खुदरा कारोबार से कर-पूर्व आय 77 प्रतिशत घटकर 4,299.96 करोड़ रुपये रह गई। IOC से पहले BPCL और HPCL की कमाई में भी पहली तिमाही में गिरावट आई है। इसके अलावा, IOC को इस तिमाही में 5,156.23 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी का भुगतान भी नहीं किया गया है।

पेट्रोलियम मंत्रालय के आदेश के अनुसार, जब एलपीजी सिलेंडर का बाजार निर्धारित मूल्य (MDP) ग्राहक के लिए उसकी प्रभावी लागत (ECC) से कम होता है, तो पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (OMCs) को भविष्य में समायोजन के लिए अंतर को एक अलग ‘बफर’ खाते में रखना होता है।

IOC ने कहा, ‘‘हालांकि, 30 जून 2024 तक कंपनी के पास 5,156.53 करोड़ रुपये का संचयी शुद्ध नकारात्मक ‘बफर’ था, क्योंकि खुदरा बिक्री मूल्य एमडीपी से कम था।’’ सरकार को सब्सिडी के माध्यम से इसकी पूर्ति करनी है।

(PTI के इनपुट के साथ)

First Published : July 30, 2024 | 4:39 PM IST