ई-कॉमर्स क्षेत्र की वैश्विक दिग्गज शॉपिफाई ने आज कहा कि पिछले साल उसके प्लेटफॉर्म पर भारतीय व्यापारियों ने कारोबारी गतिविधि में 30,100 करोड़ रुपये कमाए हैं, जिसमें खरीदार और विक्रेता का सभी लेनदेन शामिल है। इसमें वर्ष 2021 की तुलना में 9.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
फर्म के शॉपिफाई उद्यम सूचकांक के अनुसार भारत में कंपनी के विक्रेताओं ने वर्ष 2022 में देश की जीडीपी में 13,900 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.6 प्रतिशत अधिक है। शॉपिफाई के प्लेटफॉर्म पर 79 लाख पंजीकृत भारतीय सूक्ष्य, लघु और मध्य उद्यमों (एमएसएमई) का कुल विक्रेता-आधार है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में यह ‘असाधारण वृद्धि’ उद्यमियों को अपना कारोबार बढ़ाने के लिए बाजार में प्रवेश के लिए प्रेरित कर रही है।
रिपोर्ट में इस वृद्धि का श्रेय डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी प्रगति के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दिया गया है, जिसने उद्यमशीलता के प्रयासों को बढ़ावा देने और सक्षम करने के लिए अनुकूल वातावरण में इजाफा किया है। निदेशक और कंट्री हेड (भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया) भारती बालाकृष्णन ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि आज भारत में उद्यमशीलता के संबंध में जो हो रहा है, हम उसका एक छोटा सा प्रतिबिंब हैं।
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स अब मुख्यधारा बन गया है। वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी समाधान प्रदाता एफआईएस की रिपोर्ट के अनुसार भारत का ई-कॉमर्स बाजार वर्ष 2022 के 83 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2026 में 185 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के लेनदेन में वृद्धि से तेजी आई है।