पड़ोसी देशों में बिजली बेचने वाली कंपनियों को वापस भारत में बिजली बेचने की अनुमति देने के लिए केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने प्रमुख प्रावधानों में संशोधन किया है। कहा गया है कि अगर निर्यात के गंतव्य देश में कोई समस्या होती है तो कंपनी बची हुई बिजली देश में ही बेच सकती है। यह कदम बांग्लादेश में नागरिक अशांति को देखते हुए उठाया गया है।
इससे अदाणी पावर को फायदा पहुंचने की संभावना है, जो भारत के पूर्वी पड़ोसी बांग्लादेश की ‘एक्सक्लूसिव’ आपूर्तिकर्ता है।
बिजली मंत्रालय ने ‘बिजली का आयात/निर्यात (सीमा पार) 2018’ के दिशानिर्देशों में संशोधन करते हुए खासकर पड़ोसी देशों को बिजली आपूर्ति करने वाले भारतीय बिजली उत्पादन केंद्रों के लिए बिजली के निर्यात के प्रावधानों में संशोधन किया है।
सोमवार को जारी एक नोटिस में कहा गया है, ‘भारत सरकार इस तरह के उत्पादन केंद्रों को भारतीय ग्रिड (राज्य के भीतर या एक राज्य से दूसरे राज्य) से जोड़ने की अनुमति दे सकती है, जिससे वे ऐसी स्थिति में अपनी बिजली भारत में बेच सकेंगे, जब पूरी या आंशिक क्षमता की आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है या बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के तहत भुगतान में देरी सहित किसी तरह की चूक के बाद उत्पादक ने नोटिस जारी की हो।’
अदाणी का 800 मेगावॉट क्षमता का झारखंड गोड्डा बिजली संयंत्र 2017 में हुए पीपीए के माध्यम से बांग्लादेश पॉवर डेवलपमेंट बोर्ड को बिजली बेचता है। इस ताप बिजली संयंत्र को चलाने के लिए अदाणी समूह की ऑस्ट्रेलिया स्थित खदान से कोयला लिया जाता है और पिछले साल से ही इससे उत्पादित बिजली बांग्लादेश को बेची जा रही है।
बिजली क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कहा कि कई और भी बिजली निर्यातक हैं, लेकिन किसी के साथ बांग्लादेश ने ‘एक्सक्लूसिव’ व्यवस्था नहीं की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इस संशोधन में एक्सक्लूसिव व्यवस्था वाले बिजली विक्रेताओं को केंद्र में रखा गया है। ऐसी विक्रेता सिर्फ अदाणी पावर है। अन्य सभी पूल्ड बिजली आपूर्तिकर्ता के रूप में बांग्लादेश को बिजली बेचते हैं या भूटान के साथ कारोबार करते हैं।’
इस सिलसिले में अदाणी समूह को भेजे गए ईमेल पर खबर छपने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। सरकारी कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने भी 500 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति के लिए बांग्लादेश के साथ समझौता किया है। इस बिक्री के लिए वह अपने कई उत्पादन केंद्रों से बिजली लेती है।
एक सूत्र ने कहा कि दामोदर वैली कॉर्पोरेशन को साल 2018 में बांग्लादेश को 300 मेगावॉट बिजली बेचने का ठेका मिला है, लेकिन वह कम अवधि और मध्यावधि बिजली आपूर्ति समझौता है, लेकिन उसने एक्सक्लूसिव पीपीए नहीं किया है।
इसके बारे में एनटीपीसी लिमिटेड को भेजे गए ईमेल का भी उत्तर नहीं मिला।