टर्बोप्रॉप विमान निर्माता ATR को उम्मीद है कि अगले 10 साल में भारत उसके लिए सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा क्योंकि क्षेत्रीय विमान यात्रा के लिए इस देश में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कंपनी के प्रमुख (एशिया प्रशांत क्षेत्र) ज्यां पियरे क्लेरसिन ने मंगलवार को बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
अभी भारत में 67 एटीआर विमानों का परिचालन हो रहा है। इंडिगो 45 विमानों और अलायंस एयर 20 विमानों का परिचालन कर रही है जबकि फ्लाई91 के 2 विमान परिचालन में हैं। इसमें सीट क्षमता 70 से 80 होती है और रेंज 1,500 किलोमीटर की। लिहाजा एटीआर विमानों का इस्तेमाल भारत में क्षेत्रीय उड़ानों में होता है जो छोटे शहरों को जोड़ते हैं।
एयरबस और लियोनार्दो के संयुक्त उद्यम एटीआर के करीब 1,400 विमानों का परिचालन दुनिया भर में हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया भर में सबसे तेज गति से बढ़ने वाला एटीआर विमानों का बेड़ा है। एटीआर विमानों की औसत उम्र भारत में सबसे कम है।
उन्होंने कहा कि एटीआर विमानों की संख्या के लिहाज से भारत का स्थान तीन अग्रणी देशों में है। अभी इंडोनेशिया सबसे ऊपर है जहां करीब 100 एटीआर विमान हैं। ब्राजील और भारत का स्थान दूसरा व तीसरा है, जहां 70-70 एटीआर विमान हैं। अगर आप मुझसे पूछेंगे कि अगले 10 साल में कौन सा बाजार सबसे बड़ा होने जा रहा है तो मेरा जवाब भारत होगा। यह मेरा विश्वास है।
यह पूछे जाने पर कि अगले 10-20 साल में भारत में कितने टर्बोप्रॉप विमानों की दरकार होगी, उन्होंने कहा कि अगर हम अपने आधिकारिक अनुमान पर नजर डालें तो अगले 10 साल में 50 से 150 टर्बोप्रॉप विमान यहां होंगे। अगर मैं दिल से कहूं तो यह संख्या और भी ज्यादा होगी।
उन्होंने कहा कि एटीआर को भारत में क्षेत्रीय विमानन बाजार काफी विशाल नजर आ रहा है। लोग ज्यादा सुविधाजनक व तेज गति वाला साधन चाहते हैं। परिवहन के अन्य बुनियादी ढांचे (सड़क, रेल आदि) में वृद्धि तो हो रही है लेकिन ये मांग की रफ्तार को पूरा नहीं कर पा रहे। ऐसे में क्षेत्रीय विमानन के पास काफी बड़ी भूमिका है।
इंडिगो ने 2017 में 50 विमानों का ऑर्डर दिया था, जिनमें से 45 की डिलिवरी हो चुकी है। कंपनी की योजना बाकी पांच विमान इस साल दिसंबर तक देने की है। क्या एटीआर की इंडिगो संग एक और ऑर्डर पर बात हो रही है? उन्होंने कहा, आप विमानन कंपनी से बात कीजिये कि वह क्या करना चाहती है।