भारत अब एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के ग्लोबल साउथ रणनीति का केंद्र बन गया है। कंपनी के मुख्य कार्य अधिकारी विलियम चॉ ने यह बात मंगलवार को कंपनी के नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध होने के बाद कहा। उन्होंने कहा, ‘हम एलजी और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया (एलजीईआईएल) दोनों को आगे बढ़ाने के लिए तत्त्पर हैं।’
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया आज शेयर बाजार में अपने निर्गम मूल्य से 50 फीसदी चढ़कर सूचीबद्ध हुई। मंगलवार को कारोबार के अंत में कंपनी का शेयर 48 फीसदी चढ़कर 1,140 रुपये पर बंद हुआ।
सूचीबद्धता के लिए मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में चॉ के अलावा एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी चांग-ताए-किम, बोर्ड अध्यक्ष और गैर कार्यकारी निदेशक डे-ह्यूसन सोंग और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के प्रबंध निदेशक होंग-जू-जियोन मौजूद थे।
इस दौरान चॉ ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि 2030 तक भारत सालाना 6.5 से 7 फीसदी की जीडीपी वृद्धि दर बरकरार रखेगा। खर्च योग्य आय में वृद्धि और प्रतिभाशाली युवाओं की आबादी के साथ भारत का उपभोक्ता वस्तुओं का बाजार ग्लोबल साउथ के केंद्र के तौर पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।’
शेयर के सूचीबद्ध होने के बाद चॉ ने कहा, ‘आज हम अपनी यात्रा के एक नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं, जिसने भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। यह भारत में अपनी जड़ें गहरी करने के हमारे दृढ़ इरादे को दर्शाता है। इस गतिशील देश में यह आईपीओ भारत के सच्चे राष्ट्रीय सहयोग में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। यह एक ऐसी कंपनी है, जिसे हर भारतीय महत्त्व दे सकता है, भरोसा कर सकता है और गर्व कर सकता है।’
उल्लेखनीय है कि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की भारत में यात्रा 1997 में शुरू हुई थी। चॉ ने कहा कि उस समय यह देश एक अनजाना क्षेत्र और अप्रयुक्त संभावनाओं से भरा एक नया बाजार था। उन्होंने कहा कि कंपनी ने घरेलू उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार को आकार दिया है और कंपनी सभी उत्पाद श्रेणियों में नंबर एक बाजार हिस्सेदारी पर गर्व करती है।