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सस्ते फोन चाहिए तो इंडीपेंडेंट डिजाइन हाउसेज हैं ना!

Last Updated- December 07, 2022 | 6:00 AM IST

इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियां जैसे कि वीडियोकॉन, स्पाइस, ऊषा और मर्क इलेक्ट्रॉनिक्स ने इंडीपेंडेंट डिजाइन हाउसेज (आईडीएच)की मदद से सस्ते मोबाइल फोन का उत्पादन शुरू कर दिया है।


ताकि वे दुनिया की बड़ी-बड़ी मोबाइल निर्माता कंपनियों नोकिया, सोनी, एरिक्सन और एलजी से हैंडसेट के मैदान में दो-दो हाथ कर सकें। आईडीएच अनुसंधान और विकास कार्य करता है और उसके बाद भारतीय दूरसंचार कंपनियों के लिए उनके खुद के ब्रांड (हैंडसेट) डिजाइन करता है। इस काम के लिए उन्होंने एक-बारगी पैसे देने होते हैं।

उदाहरण के लिए बी के मोदी (चेयरमैन) की कंपनी स्पाइस मोबाइल का किफायती हैंडसेट ‘पीपुल फोन’ लॉन्च करने का इरादा था, जिससे मोबाइल से बातचीत करना आम आदमी की पहुंच में आ सके। लागत को कम करने के लिए हैंडसेट बनाने वाली कंपनी ने स्क्रीन, टैक्स्ट मैसेज के साथ-साथ हैंडसेट की अन्य विशेषताओं को न देने का फैसला लिया।

इस काम के लिए स्पाइस ने ताइवान के एक आईडीएच मीडिया टेक की मदद ली, जिसने इस काम के लिए मोदी के विचार के अनुसार पहले अनुसंधान और विकास कार्य कर हैंडसेट पेश किया। इसका नतीजा यह हुआ कि कंपनी की पसंद से बनने वाले इस हैंडसेट की कीमत 599 रुपये है, जो अभी तक देश में सबसे कम कीमत वाला जीएसएम मोबाइल है और यह सिर्फ कंपनी के रिटेल स्टोर ‘हॉट-स्पॉट’ पर ही उपलब्ध है।

मोदी ने बातचीत में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इस फोन में अतिरिक्त फीचर दिए गए हैं, जो कंपनी के लिए खासतौर पर तैयार किए गए हैं। इस हैंडसेट में एक विशेष फीचर ‘हॉट की’ है, जिसके जरिये उपभोक्ता मंडी (बाजार) में सब्जी और दालों की कीमतें पता लगा सकता है और मनोरंजन सेवाओं के जरिये वह रेडियो, चुटकलों और यहां तक की भक्ति के गाने भी सुन सकता है।

इसी के साथ जीएसएम मोबाइल फोन, एस300 में बहुभाषा इंटरफेस है, जो विभिन्न भाषी ग्राहकों को उनकी भाषा में सेवाएं मुहैया कराने में मदद करेगा। ये सभी सुविधाएं किसी भी किफायती दरों वाले फोन के लिए देना पाना मुश्किल है।’ स्पाइस तो सिर्फ एक उदाहरण है। भारतीय इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन बनाने वाली कंपनी ऊषा लक्सस, वीडियोकॉन (डाटाकॉम ब्रांड के तहत कंपनी की दूरसंचार सेवाएं देने की योजना है) और ऑनिडा (मर्क इलेक्ट्रॉनिक) अन्य भारतीय कंपनियां हैं जो हैंडसेट के उत्पादन के लिए आईडीएच से बातचीत कर रही हैं।

हैंडसेटों का उत्पादन कार्य चीन, ताइवान या कोरिया की कंपनियों को विदेशों में सौंपा जाएगा। मीडियाटेक इंडिया के प्रबंध निदेशक ग्रांट क्यूओ का कहना है, ‘हैंडसेटों के उत्पादन के लिए नए उपक्रमों के साथ जुड़ने का प्रमुख कारण बाजार में जल्द से जल्द उतरने का है। हम कंपनियों की मदद  हैंडसेट के डिजाइन के बारे में सोचने तक करते हैं और तीन महीनों में ही उत्पादन भी करते हैं, जिस काम को खुद से करने के लिए अगर कंपनियों को अनुसंधान और विकास केन्द्र खोलना पड़ जाए तो उन्हें 1-2 साल तक लग जाते हैं।’

First Published - June 17, 2008 | 12:03 AM IST

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