गर्मियों के दिन हैं और आइसक्रीम न चले, ऐसा कैसे हो सकता है।चिलचिलाती गर्मी में आइसक्रीम का बाजार वैसे भी गर्म हो जाता है।
इस बार बाजार को भुनाने के लिए तमाम एफएमसीजी कंपनियों ने सेहतमंद स्वाद यानी फ्लेवर का सहारा लेने की ठान ली है।सेहतमंद भोजन का बाजार भुना चुकी ये कंपनियां 1,200 करोड़ रुपये के भारतीय आइसक्रीम बाजार में इस वर्ष सेहतमंद आइसक्रीम उतारने की योजना बना रही हैं।
आइसक्रीम के बाजार में सबसे बड़ी कंपनी अमूल ने पहले ही प्रोबायोटिक स्वास्थ्यवर्द्धक और सेहतमंद आइसक्रीम के साथ ही बिना चीनी वाली (शुगरफ्री) आइसक्रीम भी पेश कर दी हैं। गुजरात को-ओपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के प्रमुख महाप्रबंधक आर सोढी का कहना है, ‘हम इस साल स्वास्थ्य और सेहतमंद उत्पादों की शृंखला में सेहतमंद आइसक्रीमों के नए वैरियंट्स के अलावा प्राकृतिक वनीला स्वाद भी लाने वाले हैं।’
नैशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की सहायक कंपनी मदर डेयरी ने भी नई पैकेजिंग के साथ अपने प्राकृतिक स्वाद वाले उत्पादों की शृंखला में विस्तार करने का निर्णय लिया है। मदर डेयरी इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पॉल थैचिल का कहना है, ‘नवपरिर्वतन इस खंड में विकास की कुंजी है।’
कंपनी को इन गर्मियों में बड़े शहरों जैसे मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और समूचे उत्तर भारत में कारोबार में विस्तार की वजह से बेहतर बिक्री और ज्यादा मुनाफे की उम्मीद है। कंपनी उत्पादों की अपनी शृंखला में अधिक प्राकृतिक स्वादों को तरजीह देने का विचार कर रही है।जाहिर है, आइसक्रीम उसकी फेहरिस्त में सबसे ऊपर हैं। इसके अलावा इस साल गर्मियों में वह अपने उपभोक्ताओं को फलों के जूस उपलब्ध कराने पर भी सोच रही है।
एफएमसीजी की बड़ी कंपनी हिन्दुस्तान यूनिलिवर ने पिछले साल अपने सेहतमंद उत्पादों की शृंखला में मू आइसक्रीम पेश की थी। मू चॉकलेट और वनीला का मिश्रण है, जो बच्चों और माताओं को ध्यान में रख कर बनाई गई है, क्योंकि इसकी हर आइसक्रीम में एक गिलास दूध के बराबर मात्रा में कैल्शियम मौजूद है।
हिन्दुस्तान यूनिलिवर के कैटेगरी हैड (आइसक्रीम कारोबार), शैलेश वेंकटेशन का कहना है, ‘हम बाजार का विकास करने और उसमें लगातार इजाफा करने की अपनी मुहिम जारी रखेंगे।उपभोक्ताओं से मिल रहे प्रोत्साहन और उनकी जीवनशैली में आ रहे बदलावों के मुताबिक हम अपने उत्पादों को भी बदलेंगे। गर्मियों के मौसम के लिए हमारे पास वर्तमान में चल रही कई योजनाएं और गतिविधियों हैं, जिनसे हम महत्वपूर्ण उपभोक्ताअ समूहों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’
हिन्दुस्तान यूनिलिवर की 1,200 करोड़ रुपये के भारतीय आइसक्रीम बाजार में 9 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, जबकि अमूल 37 प्रतिशत के साथ आइसक्रीम बाजार में पहले स्थान पर बनी हुई है। जहां हिन्दुस्तान यूनिलिवर का ध्यान शहरों और उत्पादों पर है, वहीं अमूल के पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा कस्बाई बाजार के लिए है।
आविन, तमिलनाडु की सहकारिता क्षेत्र का दूध और डेयरी उत्पादों की मार्केटिंग करने वाली कंपनी, ने भी कम चीनी वाले आइसक्रीम के वैरिएंट्स लॉन्च किए हैं। कंपनी का दावा है कि उनकी बिना चीनी मिली हुई आइसक्रीम मधुमेह के रोगी, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए फायदेमंद है। इसके वैरियंट में 80 कैलोरी ऊर्जा और लगभग 16 मिलीग्राम चीनी बताई जाती है। इसके उलट आम तौर पर एक एक आइसक्रीम में 8,000 मिलीग्राम चीनी मिलाई जाती है।