ह्युंडै मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) पुणे के पास तलेगांव में जनरल मोटर्स (जीएम) इंडिया के 5,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है। कंपनी के आपूर्तिकर्ता भी कारखाने के आसपास 5,000 करोड़ रुपये लगाने की तैयारी कर रहे हैं। घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
जीएम इंडिया के प्रबंधन और श्रमिकों के बीच विवाद निपटने के बाद ह्युंडै मोटर और उससे जुड़ी इकाइयां वाहन उत्पादन प्लांट पर 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती हैं। तलेगांव कारखाने में सालाना 1.30 लाख वाहन बनाए जा सकते हैं। इस साल अगस्त में ह्युंडै मोटर ने जीएम इंडिया के तलेगांव प्लांट की जमीन, इमारत, कुछ मशीनरी और विनिर्माण उपकरणों की खरीद के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ह्युंडै की योजना 2025 तक इस कारखाने से उत्पादन शुरू करने की है।
ह्युंडै मोटर इंडिया ने अगस्त में कहा था, ‘तलेगांव प्लांट का अधिग्रहण कुछ खास शर्तें पूरी होने और नियामक एवं हितधारकों से मंजूरी मिलने पर निर्भर करेगा।’ सूत्रों ने कहा कि वाहन उत्पादन कारखाना और कलपुर्जा आपूर्तिकर्ताओं की इकाइयां चालू होने पर करीब 4,500 लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।
जीएम इंडिया और ह्युंडै मोटर इंडिया तथा श्रमिकों के बीच बातचीत में शामिल एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कोरियाई वाहन दिग्गज 5,000 करोड़ रुपये और उसके आपूर्तिकर्ता भी 5,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकते हैं।
एक शख्स ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘यह निवेश चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा मगर ज्यादातर निवेश 2028 तक हो जाएगा। सरकार जनरल मोटर्स के कामगारों और कंपनी के बीच विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रही है।’ह्युंडै मोटर इंडिया में सहायक उपाध्यक्ष एवं कंपनी मामलों के प्रमुख पुनीत आनंद ने कहा, ‘ह्युंडै मोटर इंडिया ने महाराष्ट्र के तलेगांव में जीएम इंडिया के साथ संपत्ति खरीद करार किया है। इस प्लांट की क्षमता सालाना 1.30 लाख वाहन बनाने की है। समझौता पूरा होने के बाद ह्युंडै की अपने बाजार लक्ष्य के मुताबिक उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना है।’
उन्होंने कहा, ‘हम आत्मनिर्भर भारत के अपने संकल्प पर कायम हैं और हमारा इरादा तलेगांव में मेड इन इंडिया कारों के लिए उन्नत विनिर्माण केंद्र बनाना है। हमने इस कारखाने से 2025 तक उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा है।’आनंद ने कहा कि इस निवेश का उद्देश्य इस प्लांट को ह्युंडै के वैश्विक परिचालन और विनिर्माण मानकों के अनुरूप बनाना है ताकि यहां बनने वाले वाहन उत्कृष्टता की नजीर बन सकें।
जरनल मोटर्स ने अपनी वैश्विक पुनर्गठन योजना के तहत 2017 में भारतीय बाजार में कार बेचनी बंद कर दी थीं। जनरल मोटर्स के कर्मचारी प्लांट लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि प्लांट खरीदने वाली कंपनी उनकी भी भर्ती करे। अक्टूबर की शुरुआत में जनरल मोटर्स इम्प्लॉयीज यूनियन ने क्रमिक भूख हड़ताल की थी और कंपनी के हजारों बेरोजगार कर्मचारियों के मुद्दे पर गंभीरता से विचार नहीं करने पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी सरकार की आलोचना की थी। बीते हफ्ते महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि वह जनरल मोटर्स इंडिया के तलेगांव प्लांट (बंद पड़ा) के कर्मचारियों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री शिंदे ने बैठक में इसका वादा किया था।