जमाना बदल रहा है और जमाने का अंदाज भी बदल रहा है। आजकल सजने संवरने पर ज्यादा जोर दिया जाता है और कंपनियां भी इसे समझ रही हैं।
इसी वजह से तेज खपत वाले उत्पादों (एफएमसीजी) के क्षेत्र की बड़ी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर एचयूएल ने पर्सनल केयर के उत्पादों पर ज्यादा ध्यान देने और निवेश करने का फैसला किया है।एचयूएल पर्सनल उत्पादों, खाद्य और आइसक्रीम पर 97.4 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने जा रही है। कंपनी को उम्मीद है कि इस विशाल बाजार से उसको आने वाले दिनों में तगड़ा राजस्व मिलेगा।
एचयूएल की मूल कंपनी यूनिलीवर के लिए वैसे भी पर्सनल केयर के उत्पाद हमेशा से सबसे ऊपर रहे हैं। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पैट्रिक सेस्कोउ ने हाल ही में भारत के अपने दौरे पर इस बात की तस्दीक भी की थी।उन्होंने कहा था, ‘भारत जैसे विकासशील और उभरते बाजार में हमारे राजस्व का 50 फीसदी हिस्सा तो पर्सनल केयर उत्पादों से ही आता है। हमारे लिए भारत में यह सबसे ऊपर है और खाद्य उत्पादों पर भी हमारा खासा ध्यान है।’
जानकार भी एचयूएल के इस कदम को सोची समझी रणनीति का नतीजा मानते हैं। एंजेल ब्रोकिंग के विश्लेषक आनंद शाह कहते हैं, ‘पर्सनल उत्पाद इस समय एचयूएल को सबसे ज्यादा मुनाफा दिला रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों आपूर्ति घटने से मुश्किल हुई थी, लेकिन निवेश बढ़ाने से हालात बदलेंगे।’एचयूएल को आइसक्रीम के कारोबार से तो महज 160.64 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है, लेकिन साबुन और डिटर्जेंट उसके कमाऊ पूत हैं।
इस कारोबार से कंपनी को सालाना 6,375.5 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल होता है। पर्सनल उत्पाद भी उसे 3,671.8 करोड़ रुपये दिलाते हैं।पर्सनल केयर उत्पादों के बाजार में अभी जबर्दस्त संभावनाएं हैं। इन पर भारत में फिलहाल प्रति व्यक्ति महज 40 रुपये का सालाना खर्च किया जाता है, जो काफी बढ़ेगा।