विविधीकृत विनिर्माण और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज हनीवेल भारत के ऊर्जा क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए वैश्विक कंप्रेसर्स कंट्रोल्स कॉरपोरेशन (सीसीसी) जैसे हालिया अधिग्रहणों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हनीवेल इंडिया के उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक (इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन) आशीष गायकवाड़ ने बातचीत के दौरान बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
नैसडैक पर सूचीबद्ध इस कंपनी ने भारत में सीसीसी के उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी है। गायकवाड़ ने कहा कि इसमें एंटी-सर्ज तकनीक भी शामिल है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से तेल शोधन, तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के रिगैसिफिकेशन तथा इस्पात और कोयला क्षेत्रों में किया जाता है।
गायकवाड़ ने कहा कि सीसीसी अपस्ट्रीम, मिडस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम तेल और गैस उद्योग के लिए टर्बोमशीनरी ट्रेन दक्ष सेवाओं के बाजार में अगुआ है, जो सभी महाद्वीपों में मौजूद है। यह अब हनीवेल के प्रोसेस कंट्रोल डिवीजन का हिस्सा है।
गायकवाड़ ने कहा कि कंप्रेसन के दौरान सामग्री में पीछे की ओर बहने की प्रवृत्ति होती है, जिससे इन महंगी मशीनों को नुकसान पहुंच सकता है और दुर्घटनाएं हो सकती हैं। ज्यादातर अंतिम स्तर वाले ग्राहक यह तकनीक खरीदना पसंद करते हैं।
उन्होंने कहा इसके परिणामस्वरूप ओएनजीसी, गेल, पेट्रोनेट एलएनजी जैसी ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों और रिफाइनरी चलाने वाली सार्वजनिक तथा निजी कंपनियों के पास पहले से ही यह समाधान है। हनीवेल का मानना है कि हालांकि मौजूदा बाजार पहले से ही बहुत बड़ा है, लेकिन कार्बन कैप्चर जैसे क्षेत्र नए बाजार उपलब्ध कराते हैं।