Happy Holi 2025: होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि खुशियों, मेलजोल और प्यार का प्रतीक भी है। लेकिन समय के साथ लोगों में रंगों की शुद्धता और पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर जागरूकता बढ़ी है। केमिकल वाले रंगों से त्वचा में जलन, एलर्जी और आंखों में दिक्कत हो सकती है, साथ ही ये पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसी वजह से अब हर्बल, ऑर्गेनिक और इको-फ्रेंडली रंगों की मांग बढ़ रही है।
होली के रंगों का महत्व
होली के रंग सिर्फ खेल के लिए नहीं होते, बल्कि वे खुशी और सकारात्मकता का प्रतीक माने जाते हैं। लेकिन कई बार बाजार में मिल रहे सस्ते रंगों में हानिकारक रसायन होते हैं, जो त्वचा और सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। यही कारण है कि अब लोग प्राकृतिक रंगों की ओर रुख कर रहे हैं, जो फूलों, हल्दी और कॉर्नस्टार्च जैसी चीजों से बनाए जाते हैं।
यह भी पढ़ें: Holi 2025 Special Sale: Flipkart, Amazon और Myntra पर बंपर डिस्काउंट, आज है आखिरी मौका!
अगर आप इस होली में नॉन-टॉक्सिक और सुरक्षित रंगों की तलाश में हैं, तो ये 7 ब्रांड्स बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं— Rangeela, Satvik, Tota, Cock Colours, Hari Darshan, Phool और Organic India। ये ब्रांड्स हर्बल गुलाल और स्किन-सेफ रंग उपलब्ध कराते हैं, जो आसानी से धुल जाते हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। इनमें से कुछ ब्रांड्स सुगंधित गुलाल भी बनाते हैं, जो त्योहार के मजे को और बढ़ा देते हैं।
होली के रंगों की बात हो और Cock Colours का जिक्र न हो, ऐसा नहीं हो सकता। यह ब्रांड पीढ़ियों से भारतीय घरों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले रंग बना रहा है। इसकी खासियत यह है कि इसके सभी रंग हल्के, बारीक पिसे हुए और पूरी तरह से गैर-विषैले (Non-Toxic) होते हैं।
Cock Colours अपने रंगों को पूरी तरह से सुरक्षित और प्राकृतिक स्रोतों से बनाता है। ये रंग फूलों की पंखुड़ियों, हल्दी और हर्बल अर्क से तैयार किए जाते हैं, जिससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता। साथ ही, ये बायोडिग्रेडेबल (Biodegradable) होते हैं, यानी पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।
Cock Colours में रंगों की एक बड़ी रेंज मिलती है, जिसमें पारंपरिक लाल और पीला से लेकर नियॉन पिंक और ब्लू जैसे ट्रेंडी शेड्स तक शामिल हैं। इसके अलावा, कंपनी वॉटर-बेस्ड (Water-Based) रंग भी बनाती है, जो आसानी से साफ हो जाते हैं और कपड़ों पर दाग नहीं छोड़ते।
होली का रंग हो और ‘टोता’ का नाम न आए, ऐसा कैसे हो सकता है! यह ब्रांड दशकों से लोगों की पसंद बना हुआ है। किफायती दाम और बेहतरीन क्वालिटी के कारण ‘टोता’ होली के रंगों में एक भरोसेमंद नाम है।
इसका गुलाल इतना मुलायम होता है कि आसानी से लग जाता है और बड़े आयोजनों में खूब पसंद किया जाता है। ‘टोता’ के रंग ड्राई और वेट, दोनों तरह में मिलते हैं। इसके वॉटरकलर जल्दी घुल जाते हैं, जिससे पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता।
पारंपरिक रंगों और हर जगह उपलब्धता की वजह से यह कई घरों की पहली पसंद है। इसके चमकदार और स्मूद रंग पूरी तरह सुरक्षित होते हैं, जिससे होली का जश्न और भी यादगार बन जाता है!
होली के रंग अब और भी खास हो गए हैं, क्योंकि Phool ब्रांड मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों से इको-फ्रेंडली गुलाल बना रहा है। यह ब्रांड न सिर्फ पर्यावरण के प्रति जागरूक है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी देता है।
Phool के ये होली कलर्स प्राकृतिक फूलों, कॉर्नस्टार्च और जड़ी-बूटियों से बने होते हैं, जिससे यह स्किन के लिए सुरक्षित होते हैं और किसी भी तरह की जलन नहीं करते। इन रंगों की खुशबू प्राकृतिक होती है और यह पानी में घुलकर बिना कोई नुकसान पहुंचाए पूरी तरह से घुल जाते हैं।
ब्रांड जीरो-वेस्ट होली को बढ़ावा देने के लिए बायोडिग्रेडेबल और प्लास्टिक-फ्री पैकेजिंग का इस्तेमाल करता है। इससे यह इको-फ्रेंडली होली के लिए बेहतरीन विकल्प बन गया है।
ऑर्गेनिक इंडिया के होली रंग आयुर्वेदिक तत्वों से बने हैं, जिनमें नीम, हल्दी और चुकंदर के अर्क शामिल हैं। ये रंग एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो त्वचा को पोषण देते हैं और किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते।
कंपनी यह सुनिश्चित करती है कि इसके होली रंगों में कोई सिंथेटिक डाई या भारी धातु न हो। ये रंग नॉन-टॉक्सिक और स्किन-फ्रेंडली हैं, जिससे इन्हें लगाने पर जलन या खुजली नहीं होती। इनकी बनावट भी मुलायम होती है, जिससे ये आसानी से लगते हैं।
ऑर्गेनिक इंडिया प्राकृतिक उत्पादों को बढ़ावा देता है और फेयर ट्रेड के तहत उन किसानों का समर्थन करता है, जो इन रंगों के लिए कच्चा माल उगाते हैं।
यह भी पढ़ें: Delhi-NCR वाले ध्यान दें! Holi के दिन Metro कब चलेंगी, DMRC का नोटिस पढ़ें
होली के त्योहार को रंगों और खुशबुओं से भरने के लिए इंडियन कारीगर स्टार्च होली गुलाल एक बेहतरीन विकल्प है। यह हर्बल, नॉन-टॉक्सिक और स्किन-फ्रेंडली गुलाल है, जो किसी भी उम्र के लोगों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे मक्का स्टार्च से बनाया गया है, जिससे यह त्वचा पर कोमल रहता है और किसी भी तरह की जलन या एलर्जी नहीं होती। खास बात यह है कि यह रंग आसानी से धुल जाते हैं, जिससे होली खेलने के बाद किसी तरह की परेशानी नहीं होती।
इस पैक में छह अलग-अलग खुशबूदार रंग मिलते हैं – रेड रोज, चंदन, मोगरा, जैस्मिन, पिंक रोज और केसरी चंदन। इसकी प्राकृतिक सुगंध होली के जश्न को और भी खास बना देती है। यह गिफ्टिंग के लिए भी एक बेहतरीन विकल्प है, जिससे आप अपने प्रियजनों को सुरक्षित और खुशहाल होली की शुभकामनाएं दे सकते हैं।
होली के त्योहार को सुरक्षित और खुशहाल बनाने के लिए हरी दर्शन हर्बल और नॉन-टॉक्सिक रंग पेश कर रहा है। ये रंग हर्बल और खुशबूदार प्राकृतिक तत्वों से बनाए जाते हैं, जिससे इनमें हल्की सुगंध होती है। ब्रांड के ये रंग प्लांट-बेस्ड डाई से तैयार किए जाते हैं, जो स्किन के लिए सुरक्षित और बच्चों के लिए भी पूरी तरह से इस्तेमाल करने लायक हैं।
हरी दर्शन के रंगों की खासियत उनकी सॉफ्ट और सिल्की टेक्सचर है, जिससे स्किन पर किसी भी तरह की खुजली या जलन नहीं होती। यह ब्रांड पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इको-फ्रेंडली उत्पादन प्रक्रिया अपनाता है। इसके रंग बायोडिग्रेडेबल होते हैं, जिससे होली के बाद पानी में मिलकर यह प्रदूषण नहीं फैलाते।
इसके अलावा, हरी दर्शन के गुलाल में हल्की खुशबू भी होती है, जिससे त्योहार के दौरान एक अलग ही ताजगी का एहसास होता है। ये रंग बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और ऑनलाइन भी खरीदे जा सकते हैं।
रंगीला भारत में होली के सबसे पसंदीदा और किफायती रंगों में से एक है। इसके रंग चमकदार और लंबे समय तक टिकने वाले होते हैं। ये बारीक पिसे होते हैं, जिससे हल्के और आसानी से लगाने वाले होते हैं।
रंगीला सिर्फ हर्बल गुलाल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पारंपरिक और नए तरह के रंग भी देता है। यह गीले रंग (वॉटर-बेस्ड डाई) भी उपलब्ध कराता है।
यह ब्रांड लोकल मार्केट और ऑनलाइन स्टोर्स पर आसानी से मिल जाता है, जिससे होली के लिए खरीदना आसान हो जाता है। इसकी एक खासियत यह भी है कि इसके रंग स्किन पर दाग नहीं छोड़ते और आसानी से धोए जा सकते हैं।
होली खेलते समय रंगों से बचाव और उन्हें आसानी से हटाने के लिए ये आसान टिप्स अपनाएं: