केंद्र सरकार ने विनिवेश लक्ष्य हासिल करने के लिए चालू वित्त वर्ष में कम से कम आठ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को शेयर पुनर्खरीद करने को कहा है। साथ ही वह हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की रणनीतिक बिक्री की भी संभावना तलाश रही है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार हिंदुस्तान कॉपर के रणनीतिक विनिवेश की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए 27 अक्टूबर को बैठक कर सकते हैं। नीति आयोग ने सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की रणनीतिक बिक्री की सिफारिश की है।
इसके अलावा सरकार राजस्व जुटाने के लिए पुरानी रणनीतिक बिक्री की योजना फिर चालू करेगी। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीईएमएल में 26 फीसदी हिस्सेदारी बेचने और प्रबंधन नियंत्रण हस्तांतरित करने के लिए नवंबर में अभिरुचि पत्र आमंत्रित किया जा सकता है। इस फर्म में सरकार की 54 फीसदी हिस्सेदारी है और शेयर विनिवेश के प्रस्ताव को दो साल पहले जुलाई 2017 में ही मंजूरी मिल चुकी थी। इसी तरह सीमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की नयागांव इकाई की रणनीतिक बिक्री पर भी नए सिरे से विचार किया जा सकता है।
इसके अलावा एनटीपीसी, कुदे्रमुख आयरन ओर और राइट्स जैसी कंपनियां शेयर पुनर्खरीद की पेशकश कर सकती हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक कोल इंडिया और एनएमडीसी भी पुनर्खरीद की सूची में शामिल हैं। पुनर्खरीद की खबर से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में आज खासी तेजी देखी गई। निफ्टी पीएसई सूचकांक 2.3 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ और निफ्टी 50 में 0.94 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘निवेशक समझते हैं कि अगर कंपनियों के पास विस्तार की योजना नहीं है तो उन्हें अतिरिक्त नकदी रखने की जरूरत नहीं है। हम रणनीतिक तरीके से शेयर पुनर्खरीद करेंगे और विनिवेश का यह अहम तरीका है। कंपनियों को पंजीगत व्यय की जरूरतों को पूरा करने, लाभांश भुगतान करने या शेयर पुनर्खरीद करने के लिए कहा गया है।’
वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को स्पष्ट कर दिया है कि अगर शेयर बुक वैल्यू से नीचे कारोबार कर रहा है तो खरीदारी के लिए बुक वैल्यू पर विचार किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, ‘भविष्य में उधारी लेकर कंपनियों की पूंजीगत व्यय से जुड़ीं जरूरतें पूरी की जा सकती हैं।’
सितंबर के अंत में सरकार की एचसीएल में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। सरकार इस तांबा उत्पादक कंपनी में पिछले कुछ वर्षों से चरणबद्ध तरीके से हिस्सेदारी बेच रही है। वर्ष 2017-18 में सरकार ने ऑफर फॉर सेल के जरिये एचसीएल में 6.83 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी, जिससे सरकार को 405 करोड़ रुपये मिले थे।
जून 2019 में वेदांत रिसोर्सेस के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कम से कम पांच सार्वजनिक कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का अनुरोध किया था। इन कंपनियों में एचसीएल का नाम भी शामिल था। वेदांत ने हिंदुस्तान जिंक में 2002-2003 के दौरान सरकार की 64.9 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी।
