facebookmetapixel
Dhanteras 2025: धनतेरस पर मारुति और हुंडई ने तोड़ा रिकॉर्ड, GST 2.0 राहत ने बढ़ाई बिक्रीUAE की एमिरेट्स NBD ने RBL बैंक में 60% हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की, ₹26,850 करोड़ का होगा निवेशUltraTech Cement Q2 Result: मुनाफा बढ़कर ₹1237 करोड़ पर पहुंचा, आय ₹19,606 करोड़ के पार‘भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर तेजी से बढ़ी बातचीत’, बोले गोयल- किसानों के हित से कोई समझौता नहींढाका एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल में लगी भीषण आग, सभी उड़ानें अस्थायी तौर पर रोकी गईPM Kisan 21st Installment: किसानों के खाते में जल्द आएंगे ₹2000, बस पहले ये छोटा सा काम कर लेंDividend Stocks: अगले हफ्ते कई कंपनियां देने जा रही हैं तगड़ा डिविडेंड, शेयरधारकों को मिलेगा फायदापाकिस्तानी हमले में अफगानिस्तान के तीन क्रिकेटरों की जान गई, एसीबी ने सीरीज रद्द कीHDFC Bank Q2 Result: दूसरी तिमाही में ₹18,641 करोड़ का मुनाफा, NII में 4.8% का उछालICICI Bank Q2 Result: Q2 में बैंक को ₹12,358 करोड़ का जबरदस्त मुनाफा, NII ₹21,529 करोड़ के पार

Hindenburg ने Adani Group पर ‘खुल्लम खुल्ला धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया, समूह ने रिपोर्ट को बताया आधारहीन

Last Updated- January 25, 2023 | 10:46 PM IST
Adani Group Share

फाइनेंशियल रिसर्च  कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि अडाणी समूह ‘खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है।

हालांकि, समूह ने इस आरोप को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया। उसने कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि उसकी शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के गलत इरादे से किया गया है।

अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग के अनुसार उसके दो साल के शोध के बाद यह पता चला कि 17,800 अरब रुपये (218 अरब डॉलर) मूल्य वाला अडाणी समूह दशकों से ‘खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है।

अदाणी के FPO से केवल कुछ दिन पहली आई रिपोर्ट

यह रिपोर्ट अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के आवेदन के लिये खुलने से ठीक पहले आयी है। कंपनी का एफपीओ 27 जनवरी को खुलकर 31 जनवरी को बंद होगा।

अडाणी समूह ने कहा कि रिपोर्ट को लेकर तथ्यों की पुष्टि के लिये उससे कोई संपर्क नहीं किया गया और यह अचंभित और परेशान करने वाला है।

बंदरगाह से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम कर रहे समूह ने कहा, ‘‘रिपोर्ट कुछ और नहीं बल्कि चुनिंदा गलत और निराधार सूचनाओं को लेकर तैयार की गयी है और जिसका मकसद पूरी तरीके से दुर्भावनापूर्ण है। जिन बातों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गयी है, उसे भारत की अदालतें भी खारिज कर चुकी हैं।’’

समूह ने रिपोर्ट के समय को लेकर भी सवाल उठाया है। उसने कहा कि एफपीओ से ठीक पहले जारी रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से इसे लाया गया है जिसका मकसद अडाणी समूह के साख को बट्टा लगाना है।

रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयर लुढ़क गये। हालांकि, बाद में यह नुकसान से उबरने में कामयाब रहा। अडाणी एंटरप्राइजेज 2.5 प्रतिशत नीचे आ गया था लेकिन समूह के बयान के बाद लगभग दो बजे 1.5 प्रतिशत नीचे था। अडाणी पोर्ट एंड सेज लि. भी एक समय 6.23 प्रतिशत नीचे चला गया था। बाद में इसमें कुछ सुधार आया।

अमेरिकी कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘अडाणी समूह के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अडाणी का नेटवर्थ 120 अरब डॉलर है। इसमें से 100 अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा पिछले तीन साल में हुआ। इसका कारण समूह की सूचीबद्ध सात कंपनियों के शेयरों में तेजी है। इनमें इस दौरान औसतन 819 प्रतिशत की तेजी हुई है।’’

रिपोर्ट में अडाणी परिवार के नियंत्रण वाली मुखौटा इकाइयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है। ये कंपनियां कैरेबियाई और मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तक में है। इसमें दावा किया गया है कि इन इकाइयों का उपयोग भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग और कर चोरी को अंजाम देने के लिये किया गया। साथ ही समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के धन की हेराफेरी के लिये भी इसका उपयोग किया गया।

हिंडनबर्ग ने कहा, ‘‘शोध को लेकर अडाणी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई व्यक्तियों के साथ बातचीत की गयी। हजारों दस्तावेजों की समीक्षा की गयी और करीब छह देशों में जाकर स्थिति का पता लगाया गया।’’ कंपनी ने उन प्रयासों से पर्दा हटाने का दावा किया, जिसमें कुछ मुखौटा इकाइयों को ढंकने के उपाय किये गये थे।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘…समूह की प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों ने काफी कर्ज लिया है। इसमें जब शेयर के दाम ऊंचे थे, तब उसे गिरवी पर रख कर लिया गया कर्ज शामिल है। इसने पूरे समूह की वित्तीय हालत को डांवाडोल स्थिति में डाल दिया है।’’

उल्लेखनीय है कि अडाणी समूह बार-बार कर्ज को लेकर चिंता को खारिज करता रहा है। समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) जुगेशिन्दर सिंह ने 21 जनवरी को मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘‘किसी ने भी हमारे कर्ज को लेकर चिंता नहीं जतायी। एक भी निवेशक ने कुछ नहीं कहा है।’’

समूह ने कहा, ‘‘वित्तीय विशेषज्ञों और प्रमुख राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के विस्तृत विश्लेषण और रिपोर्ट के आधार पर निवेशक समुदाय ने हमेशा अडाणी समूह में भरोसा जताया है।’’

उसने कहा, ‘‘हमारे निवेशक चीजों से वाकिफ हैं और वे निहित स्वार्थ के साथ जारी एकतरफा और निराधार रिपोर्ट से प्रभावित होने वाले नहीं हैं।’’

समूह ने कहा, ‘‘समूह चाहे जहां भी काम करता है, हमेशा सभी कानूनों का अनुपालन करता रहा है और कंपनी संचालन के उच्च मानकों को बनाये रखा है।’’

उल्लेखनीय है कि फिच समूह की इकाई ‘क्रेडिटसाइट्स’ ने पिछले साल सितंबर में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि समूह भारी कर्ज में डूबा हुआ है। हालांकि, बाद में उसने आलकन की गलती मानी। साथ में यह भी कहा कि वह अडाणी समूह के ऊपर कर्ज को लेकर चिंतित है।

First Published - January 25, 2023 | 3:46 PM IST

संबंधित पोस्ट