दुबई इकनॉमिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, दुबई डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमी ऐंड टूरिज्म के मुख्य कार्याधिकारी हादी बद्री ने पीरजादा अबरार के साथ साक्षात्कार में कहा कि वित्तीय और नवाचार हब के तौर अपनी पहचान मजबूत बनाने के लिए दुबई ने 8.7 लाख करोड़ रुपये का इकनॉमिक प्लान तैयार किया है। हाल में भारत की यात्रा पर आए बद्री ने कहा कि दुबई भारतीय टेक कंपनियों और स्टार्टअप के साथ काम करने की संभावना तलाश रहा है और अगले 10 साल में 30 यूनिकॉर्न स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। संपादित अंश:
एआई आज हर बातचीत का विषय है। हालांकि यूएई ने 2017 में एआई के लिए दुनिया का पहला और एकमात्र राज्यमंत्री बनाया था। हमने पिछले 50 साल में बड़ी सफलता हासिल की, लेकिन अब अगले 50 वर्षों और उसके बाद के 50 वर्ष पर नजर रख रहे हैं। इसलिए, हमें नई प्रौद्योगिकियों और नवाचारों को अपनाने पर ध्यान देना चाहिए।
ब्लॉकचेन अब वर्चुअल परिसंपत्तियों और क्रिप्टो से संबंधित सुर्खियों में ऊपर बनी हुई है। दुबई ने 2016 में ब्लॉकचेन से संबंधित रणनीति तैयार की थी। हमने वर्चुअल ऐसेट्स रेग्युलेटरी अथॉरिटी (वीएआरए) की स्थापना की, जो वर्चुअल परिसंपत्तियों के लिए दुनिया का पहला स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण है।
हम डी33 रणनीति के तहत अगले 10 साल में दुबई की जीडीपी दोगुना (400 अरब एईडी से 800 अरब एईडी) करने की संभावना देख रहे हैं। हम ऐतिहासिक तौर पर वृद्धि की दर को दोगुना करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। पिछले समय में दुबई में बड़ी आबादी हार्डवेयर, बिल्डिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़क और बंदरगाह निर्माण से जुड़ी, लेकिन मुख्य जोर उत्पादकता पर नहीं रहा।
अब हमारा ध्यान उत्पादकता पर ज्यादा रहेगा। हम चाहेंगे कि दुबई की जीडीपी में 8 क्षेत्र 5 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान दें। ऐतिहासिक तौर पर, यह वृद्धि सिर्फ दो या तीन क्षेत्रों से ही दर्ज की गई, लेकिन अब हम इसका दायरा बढ़ाना चाहेंगे। हम इस वृद्धि को समावेशी और टिकाऊ बनाना चाहेंगे। यूएई में भारतीयों की आबादी एक-तिहाई है। दुबई में करीब एक-तिहाई स्टार्टअप भारतीय व्यवसाय हैं। दुबई इन युवा स्टार्टअप के साथ काम करना और दायरा बढ़ाना चाहेगा।
व्यापार के आंकड़े अच्छे दिख रहे हैं और इनमें सीईपीए पूर्व की तुलना में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। हमें वास्तव में लग रहा है कि 100 अरब डॉलर का लक्ष्य पार किया जा सकता है। सकारात्मक बात यह है कि हरेक देश और सभी हितधारक व्यापार और निवेश में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, जिससे संकेत मिल रहा है कि 100 अरब डॉलर का लक्ष्य समय से पहले ही हासिल किया जा सकता है।
मेरा मानना है कि पहली रियायत सुविधा है। अर्थव्यवस्था एवं पर्यटन विभाग के तौर पर हम दुबई आने वाले और अपनी इकाइयां लगाने वाले व्यवसायों को मदद प्रदान करते हैं। हम उनके लाइसेंस और वीजा, खासकर दीर्घावधि वीजा में मदद करते हैं जिससे उन्हें अपने कर्मियों को दुबई लाने और यहां समय बताने की अनुमति मिलती है।