कंपनियां

GST काउंसिल श्री अन्न प्रोडक्ट पर टैक्स घटाने पर कर सकती है विचार

GST काउंसिल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी पर कर कम करने की मांग को खारिज कर सकती है

Published by
श्रीमी चौधरी   
Last Updated- October 04, 2023 | 10:53 PM IST

वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की शनिवार को होने वाली बैठक में श्री अन्न (बाजारा जैसे अनाज) मिश्रित उत्पादों के साथ ही कुछ वस्तुओं पर कर की दरों में बदलाव पर विचार कर सकती है। हालांकि उद्योग द्वारा लंबे समय से की जा रही कुछ मांगों और कराधान मसले को आगे की चर्चा के लिए टाला जा सकता है।

एक सूत्र ने बताया कि यदि किसी उत्पाद में कम से कम 70 फीसदी श्री अन्न मिला हुआ है और उसे खुला बेचा जाता है तो उस पर परिषद शून्य कर का विचार कर सकती है जबकि डिब्बाबंद या ब्रांडेड उत्पादों पर 12 फीसदी की दर से कर वसूला जा सकता है।

यह केंद्र और राज्यों के राजस्व अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति की सिफारिशों के अनुरूप है। फिटमेंट समिति ने श्री अन्न आटे से तैयार खाद्य उत्पादों पर शून्य जीएसटी का सुझाव दिया है। वर्तमान में इस तरह के उत्पादों पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है।

कुछ उत्पादों को छोड़कर परिषद अन्य मुद्दों पर यथास्थिति बनाए रख सकती है या उसे टाल सकती है। सूत्रों ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों पर कर को मौजूदा 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की मांग पर परिषद यथास्थिति बनाए रख सकती है।

इसकी तार्किकता समझाते हुए उन्होंने कहा, ‘इलेक्ट्रिक वाहनों में आम तौर पर लीथियम-आयन बैटरियों का उपयोग होता है। हालांकि इसका मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों आदि में भी उपयोग किया जाता है। ऐसे में दर घटाने के उद्योग के प्रस्ताव पर विचार होने की संभावना नहीं है।’

सूत्रों ने कहा कि इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल डिजिटल संपत्ति पारिस्थितिकी तंत्र के संबंध में आपूर्ति की प्रकृति और कर योग्यता के मुद्दे को टाला जा सकता है। इस बारे में चर्चा की जानकारी रखने वाले एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़े मुद्दे का और गहनता से अध्ययन करने की जरूरत है।

पहले निर्णय किया गया था कि हरियाणा और कर्नाटक इसके सभी पहलुओं का अध्ययन करेगा और फिटमेंट समिति को मसौदा पत्र सौंपेगा। लेकिन हरियाणा और कर्नाटक ने मसौदा पत्र सौंपने में अक्षमता जताई है। इस पर सहमति बनी है कि कर अनुसंधान इकाई इस मुद्दे का अध्ययन कर सकती है और मसौदा पत्र प्रस्तुत कर सकती है।’

इसके अलावा उद्योग द्वारा बेकरी उत्पादों खासकर खारी और क्रीम रोल पर कर लगाने को लेकर लंबे समय तक स्पष्टता की मांग को आगे और विचार विमर्श के लिए भेजा जा सकता है। बेकरी के सामान पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। वहीं टोस्टेड सामान जैसे रस्क, ब्रेड छूट वाले 5 प्रतिशत कर ढांचे में आते हैं।

स्टील स्कैप पर कर एक अन्य मसला है, जिसे परिषद की बैठक में टाला जा सकता है। उद्योग ने सुझाव दिया है कि स्टील स्क्रैप पर जीएसटी रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के आधार पर लगाया जाना चाहिए। अभी स्टील स्क्रैप पर 18 प्रतिशत कर लगता है।

इन वस्तुओं के अलावा परिषद संभवतः एरेटेड बेवरिज और एनर्जी ड्रिंक, तंबाकू उत्पादों पर मुआवजा उपकर से छूट के मसले पर भी संभवतः परिषद विचार नहीं करेगी। एरेटेड ड्रिंक्स पर अब 12 प्रतिशत उपकर लगता है, जबकि तंबाकू उत्पादों पर उपकर की दरें अलग अलग हैं और ये तंबाकू के स्वरूप पर निर्भर हैं। उद्योग ने मांग की है कि सिगरेट, बीड़ी, धुआंरहित उत्पादों पर एक समान उपकर और सिगरेट पर कम दर की मांग की है।

तंबाकू उत्पादों पर मुआवजा उपकर की दरें खुदरा मूल्य के आधार पर लगती हैं, जो 8 प्रतिशत से लेकर 69 प्रतिशत तक हैं। परिषद दृष्टिहीनों द्वारा वाहन की खरीद पर दरों में कमी को मंजूरी दे सकती है।इस समय केवल हड्डी संबंधी समस्या के कारण अक्षम लोगों को छूट वाली जीएसटी की 18 प्रतिशत दर के पात्र माना गया है।

First Published : October 4, 2023 | 10:17 PM IST