प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
इलेक्ट्रिक यात्री वाहन क्षेत्र की दो नई विदेशी कंपनियों – टेस्ला और विनफास्ट के बीच त्योहारी खुदरा बिक्री के मामले में कड़ा मुकाबला रहा। सितंबर और अक्टूबर के दौरान इन्होंने क्रमशः 109 और 137 कारें बेचीं।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़ों से पता चला है कि टेक्सस की टेस्ला ने सितंबर और अक्टूबर के त्योहारी महीनों में क्रमशः 69 और 40 कारों की खुदरा बिक्री की। अपने भारतीय नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रही है वियतनाम की दिग्गज वाहन कंपनी विनफास्ट ने इन दो महीनों में क्रमशः 6 और 131 कारों की खुदरा बिक्री की।
विनफास्ट एशिया के मुख्य कार्य अधिकारी फाम सान्ह चाउ ने सितंबर में संकेत दिया था कि उनका मकसद अगले 5 से 10 वर्षों के दौरान भारत में प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी बनना है। उनका इरादा यहां और ज्यादा पूंजी निवेश करने का है। टेस्ला की धीमी रणनीति के विपरीत विनफास्ट भारत में अपने नेटवर्क का लगातार विस्तार कर रही है। इस महीने की शुरुआत में उसने गुरुग्राम में भारत की अपनी 24वीं डीलरशिप की खुरुआत की और कैलेंडर वर्ष 2025 के आखिर तक उसका लक्ष्य देश भर में 35 डीलरशिप करना है।
दूसरी तरफ टेस्ला के मुंबई और दिल्ली में शोरूम हैं। खबरों के अनुसार उसे अब तक भारत में 600 बुकिंग मिल चुकी हैं।
विनफास्ट अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी वीएफ6 (16.4 लाख रुपये से शुरू) और मझौले आकार की एसयूवी वीएफ7 (20 लाख रुपये से शुरू) बेच रही है। यह भारत में टेस्ला मॉडल वाई की कीमत (ऑन-रोड कीमत 60.99 लाख रुपये से शुरू) का एक-तिहाई है। मॉडल वाई अमेरिका में 35.3 लाख रुपये और चीन में करीब 32 लाख रुपये में बिकता है। भारत में इसकी कीमत ज्यादा है क्योंकि टेस्ला ने देश में पूरी तरह से निर्मित गाड़ियों का आयात करने का विकल्प चुना है। विनफास्ट स्थानीय असेंबली के साथ आगे बढ़ रही है। उसने हाल में अपने तमिलनाडु संयंत्र (तूत्तुक्कुडि में) का उद्घाटन किया है, जहां सालाना 50,000 गाड़ियां बन सकती हैं। आने वाले वर्षों में इसकी क्षमता तीन गुना बढ़ाई जा सकती है।
दिलचस्प यह है कि भारत के बढ़ते ईवी बाजार में हिस्सेदारी हासिल करने की कोशिश कर रही एक और विदेशी ईवी दिग्गज चीन की बीवाईडी ने सितंबर और अक्टूबर के दौरान 1,000 से ज्यादा वाहन बेचे हैं। सितंबर और अक्टूबर में लगभग 1,117 बीवाईडी कारों का पंजीकरण किया गया। बीवाईडी अप्रैल और अक्टूबर के बीच भारत में 3,506 कारों की खुदरा बिक्री कर चुकी है।
बीवाईडी अपने वाहनों का आयात चीन से करती है। स्थानीय स्तर पर विनिर्माण स्थापित करने की उसकी योजना को भारत सरकार का विरोध झेलना पड़ा है। बीवाईडी की ऐटो एसयूवी की भारत में शुरुआती कीमत लगभग 25 लाख रुपये है, जबकि वह सीलियन 7 (लगभग 48 लाख रुपये) जैसी ज्याद महंगी कारें भी उपलब्ध कराती है।
बीवाईडी, विनफास्ट और टेस्ला ने मिलकर अक्टूबर में भारत के ईवी बाजार में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है। अब यह लड़ाई और तेज होने वाली है। विनफास्ट अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही है जिससे उसकी बिक्री में वृद्धि होगी और बीवाईडी साल 2026 में अधिक प्रतिस्पर्धी दाम वाले मॉडल लाने की योजना बना रही है।
बीवाईडी ऐटो 2 के अगले साल पेश किए जाने की संभावना है। उसकी कीमत 20 लाख रुपये से कम हो सकती है, जिससे उसका मुकाबला देश के कुछ सबसे ज्यादा बिकने वाले इलेक्ट्रिक वाहन मॉडलों जैसे टाटा नेक्सन ईवी (14.5 से 18.6 लाख रुपये), एमजी जेडएस ईवी (19 से 21 लाख रुपये) से होगा।