facebookmetapixel
Stock Market Today: एशियाई बाजारों से मिलेजुले संकेत, गिफ्ट निफ्टी में तेजी; सोमवार को चढ़ेगा या गिरेगा बाजार ?Bihar CM Oath Ceremony: NDA की शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को, पीएम मोदी समेत कई नेता होंगे मौजूदStocks To Watch Today: Websol, TruAlt Bioenergy, IRB Infra सहित कई कंपनियां रहेंगी लाइमलाइट मेंबिहार चुनाव पर भाकपा माले के महासचिव दीपंकर का बड़ा आरोप: राजग के तीन ‘प्रयोगों’ ने पूरी तस्वीर पलट दीदोहा में जयशंकर की कतर नेतृत्व से अहम बातचीत, ऊर्जा-व्यापार सहयोग पर बड़ा फोकसझारखंड के 25 साल: अधूरे रहे विकास के सपने, आर्थिक क्षमताएं अब भी नहीं चमकींपूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को भाने लगी ‘काला नमक’ चावल की खेती, रिकॉर्ड 80 हजार हेक्टेयर में हुई बोआईभूख से ब्रांड तक का सफर: मुंबई का वड़ा पाव बना करोड़ों का कारोबार, देशभर में छा रहा यह देसी स्ट्रीट फूडDPDP नियमों से कंपनियों की लागत बढ़ने के आसार, डेटा मैपिंग और सहमति प्रणाली पर बड़ा खर्चजिंस कंपनियों की कमाई बढ़ने से Q2 में कॉरपोरेट मुनाफा मजबूत, पर बैंकिंग और IT में सुस्ती जारी

विनिवेश और आईपीओ को हरी झंडी!

Last Updated- December 07, 2022 | 1:03 PM IST

सरकार को करार मिलने और वामदलों का विरोध खत्म होने से सरकार को उम्मीद है कि अब आर्थिक सुधारों की गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगेगी।


सरकारी तेल कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) और पनबिजली कंपनी एनएचपीसी की अरसे से लंबित आईपीओ इस साल के अक्टूबर तक आने की संभावना है। इन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।

शेयरों को पब्लिक में बेचने के बाद इन कंपनियों को अपनी इक्विटी पूंजी का विस्तार करने में मदद मिलगी। इन पूंजी के जरिए कंपनी अपनी आगामी विस्तार को अमलीजामा पहना सकती है। इक्विटी बेचने के  अलावा, सरकार इस बात की भी उम्मीद कर रही है कि अतिरिक्त 2000 करोड रुपये की उगाही के लिए ओआईएल के 10 प्रतिशत हिस्से को इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को वितरित कर दिए जाएं।

इसके अतिरिक्त 800 करोड रुपये की उगाही के लिए एनएचपीसी में भी 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी का विभाजन कर दूसरी कंपनियों में शामिल किया जा सकता है। वैसे यह किन कंपनियों को दिया जाएगा, उसके नाम का खुलासा नहीं हो पाया है। एनएचपीसी के 5 प्रतिशत हिस्सेदारी किसे दी जाएगी, उसके स्पष्ट होने का समय तो अभी नही है, जबकि शेयरों को बेचकर जो पैसा इकट्ठा किया जाएगा, वह तो कंपनी को ही मिलेगा। आगे ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार पैसे उगाहने के लिए विनिवेश की प्रक्रिया भी अपना सकती है।

एक अधिकारी ने बताया कि ये सारा माजरा पैसे से जुडा हुआ है। कंपनी और सरकार, दोनों को पैसे की दरकार है। सरकार यह भी चाह रही है कि इन कंपनियों में सार्वजनिक कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ाई जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसे का जुगाड़ किया जाए, लेकिन वामदलों के विरोध के कारण ऐसा संभव नही हो पाया था। अब जब सरकार ने बगैर वामदलों के समर्थन की अपनी बहुमत लोकसभा में साबित कर दी है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इन कंपनियों में निवेश और आईपीओ के रास्ते खुल जाएंगे। 

एक अधिकारी ने बताया कि इन कंपनियों के छह स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति की जा चुकी है। उम्मीद है कि इस सप्ताह के अंत तक इस संबंध में पत्र भी प्रेषित कर दिए जाएंगे। अब इसके बाद सेबी के पास जाएंगे और अक्टूबर तक आईपीओ आ जाएगा।

ओआईएल और एनएचपीसी के आईपीओ अक्टूबर तक लाने की योजना
वामदलों से पाला छूटने के बाद विनिवेश योजना को भी मिलेगा बल
शेयरों की बिक्री से मिली पूंजी से कंपनियां विस्तार कार्यक्रमों को देंगी अंजाम

First Published - July 24, 2008 | 12:08 AM IST

संबंधित पोस्ट