सरकार की शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SCI) के निजीकरण के लिए अगले महीने वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने की योजना है। दो सरकारी अधिकारियों ने बताया कि कई वर्षों के विलंब के बाद सरकार इस राज्य संचालित कंपनी को बेचना चाहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2019 में राज्य संचालित कंपनियों के निजीकरण की योजना की घोषणा की थी। इसके तहत SCI में हिस्सेदारी बेचने की भी घोषणा की गई थी। इस हिस्सेदारी को बेचने में नियामकीय कारकों से विलंब हुआ था। एससीआई के पास कई कैरियर और कच्चे तेल के टैंकर हैं और यह उनका संचालन करती है। इसमें सरकार को 63.75% हिस्सेदारी बेचने से पहले गैर प्रमुख संपत्तियों को अलग करना था लेकिन अलग की गई इकाई को कोष स्थानांतरण के कारण हिस्सेदारी बेचना लटक गया था।
SCI को नियामकीय मंजूरियां फरवरी के अंत में मिली थीं और SCI से बीते महीने गैर प्रमुख संपत्तियां अलग हुई थीं। इन दो में से एक अधिकारी ने बताया कि अलग की गई इकाई एससीआई लैंड एसेट लिमिटेड नाम दिया गया है और इसे 23 अप्रैल से पहले सूचीबद्ध किया जाएगा। सरकार की योजना इस कार्य को शीघ्र आगे बढ़ाने की है। अब सरकार का ध्येय एससीआई के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित करना है।
अधिकारीगण अपने नामों का खुलासा नहीं करना चाहते हैं क्योंकि यह योजना सार्वजनिक नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि भारत के कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक पैनल 14 अप्रैल को अंतिम फैसला करेगा। अधिकारी ने बताया कि यह पैनल कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में सरकार की 31 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित करने पर विचार करेगा। यह हिस्सेदारी बेचने का मामला 2020 से लंबित है। इस संदर्भ में वित्त मंत्रालय ने ईमेल पर तुरंत कोई जवाब नहीं दिया।