सरकार सामग्री तैयार करने वाले भारतीय लोगों एवं इकाइयों (कंटेंट क्रिएटर) की विषय वस्तु की मदद से अपने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (एलएलएम) को प्रशिक्षित करने वाली तकनीकी कंपनियों को इन सेवाओं के व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू होने पर वैश्विक राजस्व का एक हिस्सा रॉयल्टी के रूप में देने के लिए कह सकती हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह बात कही।
अधिकारी ने कहा कि एआई कंपनियों को उन उद्देश्यों का खुलासा करना होगा जिनके लिए उन्होंने जानकारियां (डेटा) जुटाई हैं और अपने हिसाब से इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तावित लाइसेंस प्रदान करने का ढांचा एक ‘ब्लैंकेट लाइसेंसिंग’ जैसी व्यवस्था होगी जिसमें वे रॉयल्टी भुगतान करने के बाद सभी कॉपीराइट डेटा का उपयोग कर सकेंगे। अधिकारी ने कहा, ‘खुलासा पत्र में (किसी विशेष सामग्री प्रदाता की सामग्री) सामग्री अनुपात का उल्लेख होगा। उदाहरण के लिए अगर कंपनियां कहती हैं कि उन्होंने प्रशिक्षण के लिए 30 प्रतिशत लिखित सामग्री का इस्तेमाल किया है तो सीआरसीएटी उन राजस्व को उन सामग्री प्रदाताओं के लिए सुरक्षित रख देगी जिनके पास कॉपीराइट लिखित सामग्री है’।
अधिकारी ने कहा कि सभी सामग्री प्रदाता को रॉयल्टी भुगतान का अपना हिस्सा प्राप्त करने के लिए सीआरसीएटी के साथ स्वयं को पंजीकृत कराना होगा। कॉपीराइट रॉयल्टी कलेक्टिव फॉर एआई ट्रेनिंग या सीआरसीएटी एक औद्योगिक निकाय है जिसे उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने एआई कंपनियों द्वारा अपने संबंधित एलएलएम को प्रशिक्षित करने के लिए कॉपीराइट सामग्री के इस्तेमाल पर जारी मसौदा पत्र के हिस्से के रूप में शामिल किया है।
अधिकारी ने कहा, ‘सीआरसीएटी या सीआरसीएटी के साथ काम करने वाली अन्य पंजीकृत सोसाइटी द्वारा भुगतान या तो उपयोग के आधार (प्रो-रेटा बेसिस) पर या सामान्य मूल्य समीक्षा (जनरल वैल्यू असेसमेंट) पर किया जा सकता है क्योंकि यह निर्धारित करना बहुत मुश्किल होगा कि एआई के प्रशिक्षण में किसके काम का कितना योगदान रहा है।’ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि मसौदा पत्र पर परामर्श पूरा होने के बाद वाणिज्य मंत्रालय एआई रॉयल्टी भुगतान शामिल करने के लिए कॉपीराइट कानून के वर्तमान स्वरूप में संशोधित करने पर विचार कर सकती है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले डीपीआईआईटी ने मसौदा पत्र में प्रस्ताव दिया है कि जो तकनीकी कंपनियां एआई और लार्ज लैंग्वेज मॉडल के प्रशिक्षण के लिए कंटेंट क्रिएटर की विषय-वस्तु का इस्तेमाल करती हैं उन्हें रॉयल्टी का भुगतान सरकार या न्यायालय द्वारा निर्धारित दर पर करना चाहिए।