facebookmetapixel
Credit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरेंNepal GenZ protests: पीएम ओली का इस्तीफा, एयर इंडिया-इंडिगो ने उड़ानें रद्द कीं; भारतीयों को नेपाल न जाने की सलाह26% तक चढ़ने को तैयार Adani Green, Suzlon समेत ये 5 Energy Stocks, टेक्निकल चार्ट पर दिख रहा ब्रेकआउटसोना ₹1.1 लाख के पार, चांदी 13 साल के हाई पर: निवेशकों के लिए क्या हैं इसके मायनेUP में बड़े निवेशकों के लिए अच्छी खबर! 100 करोड़ से ऊपर के प्रोजेक्ट्स को सिर्फ 15 दिन में मिलेगी जमीनMiniratna PSU ने डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट तय की, जानिए कब और कितनी रकम मिलेगीJane Street vs SEBI: SAT ने जेन स्ट्रीट की अपील स्वीकार की, अगली सुनवाई 18 नवंबर कोVice President Elections: पीएम मोदी और राजनाथ सिंह ने डाला वोट, देश को आज ही मिलेगा नया उप राष्ट्रपति

GoFirst संकट ने विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों की चिंता बढ़ाई

Last Updated- May 03, 2023 | 10:08 PM IST
Air traffic to grow 20% in FY24 as Indian carriers add 132 aircraft: Report

गो फर्स्ट संकट ने एयरलाइन को विमान पट्टे पर देने वाले पट्टेदारों की चिंता बढ़ा दी है। ये पट्टेदार इस एयरलाइन को दिवालिया घो​षित किए जाने से अपने किराये पर दिए गए विमानों को पाने की को​शिश कर रहे हैं। विमान पट्टे पर देने वाली अमेरिका की कम से कम दो कंपनियों ने गो फर्स्ट को पट्टे पर दिए गए तीन एयरबस ए320 के संबंध में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के समक्ष आवेदन किया है।

ये कंपनियां लीज सौदे समाप्त करने के लिए नोटिस भी भेज रही हैं, क्योंकि एयरलाइन को भुगतान करने में संघर्ष करना पड़ा है। मंगलवार को गो फर्स्ट ने राष्ट्रीय कंपनी वि​धि पंचाट (एनसीएलटी) में आईबीसी की धारा 10 के तहत आवेदन किया। इस आवेदन पर गुरुवार को सुनवाई होगी। मंजूरी मिलने पर इस संबंध में रियायत दी जाएगी।

विमानन मामलों की जानकारी रखने वाली कंपनी आरएनसी लीगल के मैनेजिंग पार्टनर रवि नाथ ने कहा, ‘पट्टेदारों की मुख्य चिंता बकाया हासिल करने से पहले अपने विमान प्राप्त करना है। वे इन विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या इस संबंध में किसी तरह की रोक लगाई जाएगी।’ एक विमानन कंसल्टेंट का मानना है, ‘स्वै​च्छिक तौर पर दिवालियापन के लिए आवेदन करने वाली एयरलाइन को लीज समझौतों में चूक के तौर पर देखा जाता है और इसकी वजह से लीज को समाप्त कर दिया जाता है।’

First Published - May 3, 2023 | 10:08 PM IST

संबंधित पोस्ट