राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) ने ठप पड़ी विमानन कंपनी गो फर्स्ट की दिवाला प्रक्रिया को आज 60 दिन के लिए बढ़ा दिया। विमानन कंपनी के समाधान पेशेवर (आरपी) ने पंचाट को बताया है कि तीन पक्षों ने कंपनी संभालने में रुचि व्यक्त की है। अलबत्ता कुछ पट्टादाताओं ने समय सीमा के इस विस्तार पर आपत्ति जताई है।
समाधान पेशेवर की तरफ से वकील दिवाकर माहेश्वरी ने पंचाट को बताया कि सभी तीन पक्षों ने अपना रुचि पत्र जमा करने के बाद ‘बयाना राशि’ जमा कर दी है और विमानन कंपनी की ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने दिवाला प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए भारी बहुमत से मतदान किया था।
सीओसी ऋणदाताओं की वह समिति है, जो कॉर्पोरेट देनदार (इस मामले में गो फर्स्ट) की दिवाला प्रक्रिया में फैसला लेती है । जिन तीन पक्षों ने विमानन कंपनी में रुचि व्यक्त की है, उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे 15 फरवरी तक एयरलाइन के पुनरुद्धार के लिए अपनी समाधान योजना प्रस्तुत करेंगे।
पहले बताया गया था कि किफायती विमानन कंपनी स्पाइसजेट, शारजाह की स्काई वन कंपनी और अफ्रीका में केंद्रित सैफ्रिक इन्वेस्टमेंट्स ने गो फर्स्ट को खरीदने में रुचि दिखाई है।