अमेरिकी बाजार में आयी मंदी से उबरने और भारतीय छोटे कार बाजार में आए उफान को भुनाने के लिए अमेरिकी मोटर कंपनी जनरल मोटर्स ने कमर कस ली है।
भारत को छोटे कार के आयात हब के रूप में विकसित करने के लिए जीएम मोटर्स ने यहां अपनी सबसे सस्ती कार उतारने का फैसला लिया है। अब कंपनी अपनी दूसरी सबसे छोटी कार को अगले दो सालों में बाजार में उतारने जा रही है। पर इसने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उसकी टक्कर टाटा की नैनो से नहीं है, बल्कि छोटे प्राइस कैटेगरी की अपनी पहली कार से इस कार की कीमत कम रखी जाएगी।
कंपनी ने भी यह भी बताया कि वह अपने मौजूदा
30 करोड ड़ॉलर केआयात कारोबार को अगले 3 से 4 सालों में दो से तीन गुना करने का लक्ष्य रखा है। जीएम इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट डेविड रिली ने सोमवार को नई दिल्ली में बताया कि उनकी इस कार को देश केतीन चौथाई भाग को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। इस कार की कीमत का खुलासा किए बगैर रिली ने बताया कि सस्ती कार बनाने का फायदा उसे भारत के अलावा दूसरे देशों के बाजार में भी मिलेगा। कंपनी ने जोड़ देकर कहा है कि उसकी टक्कर नैनो से नहीं है।
उनके अनुसार, इस उभरते बाजार में हाथ आजमाने से जीएम को अमेरिका सहित पूरी दुनिया में अपने कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी । उन्होंने बड़ी ही साफगोई से कहा कि अमेरिका इस साल हमारे लिए मुश्किल मोर्चा है। भारत केवाहन बाजार में 3 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाला जीएम मोटर्स का गुजरात में पहले से ही निर्माण संयंत्र है। पर अब कंपनी महाराष्ट्र के पुणे में एक और संयंत्र लगाने जा रही है।
पुणे संयंत्र में बनी पहली ट्रायल कार का सार्वजनिक प्रदर्शन बुधवार को करने की घोषणा करते हुए जीएम ने बताया कि पुणे संयंत्र से व्यावसायिक उत्पादन इसी साल की तीसरी तिमाही में शुरू हो जाएगा। इस संयंत्र की शुरूआती क्षमता 1,40,000 यूनिट की होगी। कंपनी की योजना देश में इंजिन प्लांट भी लगाएगी, हालांकि इसके बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई। पर इसके बारे में अगले दो महीनों में विस्तृत ब्यौरे दिए जाने की बात कही गयी है।