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जीएमआर जुटाएगी 12,000 करोड़ रुपये

Last Updated- December 05, 2022 | 7:02 PM IST

जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर अपनी विद्युत परियोजनाओं के विस्तार के लिए अगले चार पांच साल में 12,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।


कंपनी ने पिछले साल दिसंबर में जॉर्ज सोरोस समूह और सिटी ग्रुप इंक को अपने शेयर बेचे थे। बेंगलुरु स्थित कंपनी की दिलचस्पी पावर संयंत्र, हवाई अड्डा और सड़क निर्माण क्षेत्र में है। कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी आशुतोष अग्रवाल ने बताया कि कंपनी की योजना 8000 करोड़ रुपये ऋण द्वारा और 4000 करोड़ रुपये इक्विटी बाजार से उठाने की है।


इस धनराशि के निवेश के बाद कंपनी का ऊर्जा उत्पादन 6 गुना बढ़ जाएगा। अग्रवाल ने सात महीने पहले ही मुख्य वित्तीय कार्यकारी का पद संभाला है।देश भर में ऊर्जा की भारी किल्लत है। इसकी आपूर्ति करने के लिए जीएमआर, रिलायंस पावर और टाटा पावर समेत सभी बड़ी कंपनियों ने अपने विस्तार की योजना पर कार्य करना शुरू कर दिया है। अग्रवाल ने बताया कि भारत का आर्थिक विकास भी काफी तेजी से हो रहा है।


ऐसे ही देश में निवेश की सबसे ज्यादा संभावनाएं है। उन्होंने बताया कि इस वक्त कंपनी को विदेशी मुद्रा पर ज्यादा ब्याज मिल रहा है, जो कि पिछले कुछ महीनों में संभव नहीं था। हालांकि उन्होंने बिक्री से संबंधित कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया। फरवरी के अंत तक जीएमआर पर 8000 करोड़ रुपये का ऋण था। इस राशि का कुल 7 फीसदी हिस्सा विदेशी मुद्रा है।


मुंबई स्थित यस बैंक के वित्तीय बाजार प्रमुख अजय महाजन ने बताया कि अब कंपनियां लम्बी अवधि के लिए ऋण लेने से कतरा रही हैं। इसकी वजह ब्याज दर का अधिक होना नहीं बल्कि पूंजी की उपलब्धता नहीं होना है।


विद्युत क्षमता



जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर की योजना अगले चार-पांच साल में अपनी विद्युत उत्पादन क्षमता 4,340 मेगावाट करने की है। अभी कंपनी की क्षमता 800 मेगावाट है।  कंपनी उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में एक एक विद्युत उत्पादन संयंत्र स्थापित कर रही है। प्रत्येक संयंत्र की क्षमता 1050 मेगावाट होगी। एम्मार एमजीएफ लैंड और वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स ने मार्च में  अपने शेयरों की बिक्री की योजना को निरस्त कर दिया था।


अमेरिकी कंपनी में हिस्सेदारी



अग्रवाल ने बताया कि कंपनी की योजना अमेरिकी कंपनी इंटरजेन में हिस्सेदारी खरीदने की भी है। इस मामले पर उन्होंने और जानकारी देने से मना कर दिया। जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर अमेरिकन इंटानेशनल ग्रुप इंक फंड द्वारा अधिग्रहित 50 फीसदी शेयरों की खरीद के लिए बोली लगाएगी।


जीएमआर ग्रुप ने 2001 में अपनी सभी विद्युत परियोजनाओं को जीएमआर एनर्जी के तले संगठित किया था। समूह अपनी दूसरी व्यापार इकाइयों को फिर से अलग कर सकता है। समूह दिल्ली और हैदराबाद एयरपोर्ट में प्रबंधन भी संभालता है।


बढ़ती क्षमता



बेंगलुरु की विद्युत संयंत्र में दिलचस्पी रखने वाली इस कंपनी की योजना 8000 करोड़ रुपये ऋण द्वारा और 4000 करोड़ रुपये इक्विटी बाजार से उठाने की है।फरवरी के अंत तक जीएमआर पर 8000 करोड़ रुपये का ऋण था चार-पांच साल में अपनी विद्युत उत्पादन क्षमता 4,340 मेगावाट करने की है।

First Published - April 4, 2008 | 12:37 AM IST

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