अमेरिका में चल रहे 265 मिलियन डॉलर के कथित घूसकांड पर अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने मंगलवार को वार्षिक आम बैठक (AGM) में सफाई दी। उन्होंने कहा कि अदाणी ग्रुप के किसी भी सदस्य पर न तो FCPA (Foreign Corrupt Practices Act) का उल्लंघन करने का आरोप तय हुआ है और न ही किसी ने न्याय प्रक्रिया को रोकने की साजिश रची है।
अदाणी ने कहा, “हमने साबित किया है कि असली नेतृत्व धूप में नहीं, बल्कि संकट की आग में तैयार होता है। पिछले साल जब अदाणी ग्रीन एनर्जी को लेकर अमेरिका की न्याय विभाग ने आरोप लगाए, तब भी हमने मजबूती दिखाई।” उन्होंने आगे कहा कि उनकी कंपनी कानूनी प्रक्रिया में पूरा सहयोग कर रही है और उनकी गवर्नेंस और कंप्लायंस फ्रेमवर्क वैश्विक स्तर के हैं।
अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अदाणी और उनके कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर 2020 से 2024 के बीच भारत में सोलर एनर्जी के ठेके लेने के लिए 265 मिलियन डॉलर की घूस देने का आरोप लगाया है। कहा गया कि इन लेन-देन को अमेरिकी निवेशकों से छुपाया गया और फंड जुटाने के समय गलत जानकारी दी गई। इस पर FCPA उल्लंघन, सिक्योरिटीज फ्रॉड और वायर फ्रॉड जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। हालांकि अदाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को निराधार बताया है।
Also Read: Adani के मुंबई एयरपोर्ट को करीब ₹6,250 करोड़ की विदेशी फंडिंग, जानिए किसने किया इतना बड़ा निवेश
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अदाणी के प्रतिनिधियों ने हाल ही में ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की है। इन बैठकों में उन्होंने अनुरोध किया कि यह केस ट्रंप की वर्तमान नीति प्राथमिकताओं से मेल नहीं खाता और इसे हटाया जाना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, ये बैठकें पिछले कुछ हफ्तों में और भी तेज़ हो गई हैं।
AGM के दौरान अदाणी ने ग्रुप की वित्तीय स्थिति भी पेश की। उन्होंने बताया कि पिछले साल चुनौतियों के बावजूद ग्रुप ने ₹2,71,664 करोड़ की रेकॉर्ड राजस्व और ₹89,806 करोड़ की एडजस्टेड EBITDA (कमाई) दर्ज की। नेट डेट टू EBITDA अनुपात 2.6x रहा, जिसे वित्तीय मजबूती का संकेत माना जाता है।