ऑनलाइन गेमिंग के लिए 28 प्रतिशत की दर वाले केंद्र सरकार के नए जीएसटी नियम हालांकि 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं, लेकिन इस कदम पर भारतीय गेमर्स की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई है। जहां कुछ खिलाड़ियों ने खुशी जताई है, वहीं अन्य खिलाड़ी इस नई कर दर को इस नवोदित उद्योग के लिए मौत की आहट के रूप में देख रहे हैं।
ऑनलाइन पोकर का शौक रखने वाले गुड़गांव के खिलाड़ी ऋषि राज का मानना है कि सरकार वहां सफल रही है, जहां उनके परिवार के अधिकांश लोग विफल रहे। इससे उन्हें असली पैसे का खेल छोड़ना पड़ा। इस ऑनलाइन गेम के जरिये करीब सात लाख रुपये जीत चुके राज को पांच लाख रुपये का नुकसान भी हुआ है।
वह कहते हैं कि जीएसटी के ये नए नियम मेरी जेबों के लिए विनाशकारी साबित हुए हैं क्योंकि प्रति गेम लाभ प्रतिशत तेजी से कम हो गया है। मुझे अपनी मौजूदा औसत कमाई का स्तर बनाए रखने के लिए प्रति गेम कहीं अधिक निवेश करना होगा। उन्होंने कहा कि इससे निश्चित रूप से ऑनलाइन पोकर के साथ मेरी व्यस्तता कम हो जाएगी, भले ही यह पूरी तरह खत्म न हो।
हालांकि कुछ अन्य लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें यह लगता है कि उन्हें यह पता है कि इस नई जीएसटी व्यवस्था से होने वाले अपेक्षित नुकसान को कैसे कम किया जाए। रीना मलिक (अनुरोध पर बदला हुआ नाम) कई अंतरराष्ट्रीय रियल-मनी खेल प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी हैं। उनका का मानना है कि पेशेवर खिलाड़ी इन जीएसटी नियमों से बड़े स्तर पर प्रभावित नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि अगर आप खिलाड़ियों के बड़े समूह में खेलते हैं, तो लागत और जोखिम साझा किया जाता है तथा इसलिए व्यक्तिगत स्तर के परिणाम हल्के रहते हैं। दरअसल मेरा मानना है कि यह छोटी ई-गेमिंग कंपनियों के मामले में अपने खेल के लिए बड़ा तथा अधिक कुशल पूल-प्ले ढांचा पेश करने का अवसर है।