कई अन्य क्षेत्रों की तरह भारतीय फिनटेक स्टार्टअप तंत्र को भी फंडिंग में नरमी की वजह से काफी चोट पहुंची है। हाल ही में इस क्षेत्र में फंडिंग के बड़े दौर के फिर से सक्रिय होने के बावजूद कई स्टार्टअपों को अब भी पूंजी जुटाना चुनौतीपूर्ण लग रहा है।
इसके अलावा नियमों की कमी से भी फिनटेक को कोई सहायता नहीं मिली है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस उथल-पुथल भरे दौर में इस क्षेत्र ने दूसरे क्षेत्रों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है और निवेशक सतर्क रहते हुए आशावादी हैं। अलबत्ता वे अपने दांव के संबंध में अधिक सावधान हो गए हैं।
बाजार पर निगाह रखने वाले प्लेटफॉर्म ट्रैक्शन के आंकड़ों के अनुसार देश में फिनटेक स्टार्टअपों के बीच वर्ष 2022 के दौरान निवेश में सालाना आधार पर 5.65 अरब डॉलर के साथ 47 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, जबकि पिछले साल यह निवेश 10.7 अरब डॉलर था।
फंडिंग में यह गिरावट मुख्य रूप से बाद के चरण की फंडिंग में गिरावट की वजह से रही, जो वर्ष 2021 के 8.3 अरब डॉलर से गिरकर वर्ष 2022 में 3.7 अरब डॉलर रह गई। इसमें 56 प्रतिशत की गिरावट आई है। फिर भी भारत को अमेरिका और ब्रिटेन के बाद फिनटेक क्षेत्र में फंडिंग की तीसरी सबसे ज्यादा रकम प्राप्त हुई।
रेवफिन सर्विसेज के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी समीर अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस समय कई स्टार्टअपों के लिए रकम का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है। यहां तक कि जो ऐसा कर सकते, वे भी आकर्षक मूल्यांकन पर ऐसा नहीं कर रहे हैं। हम भी धन जुटाने की प्रक्रिया में हैं और इसे काफी चुनौतीपूर्ण पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी निवेशकों की रुचि कम है और हमें कई विकल्प या पेशकश नहीं दिख रही है। रकम जुटाने की संपूर्ण गति भी धीमी हो गई है। हालांकि नया साल अपने साथ इस क्षेत्र के लिए नई उम्मीद लेकर आया है। फिनटेक स्टार्टअपों ने वर्ष 2023 में अब तक कुल 96.2 करोड़ डॉलर जुटाए हैं।
इस क्षेत्र ने जनवरी के दौरान सबसे ज्यादा रकम जुटाई है। 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम जुटाने वाले दो दौर ही फिनटेक स्टार्टअपों की ओर से हुए हैं। फोनपे ने जनरल अटलांटिक की अगुआई में फंडिंग के 35 करोड़ डॉलर के बड़े दौर का मोर्चा संभाला। व्यक्तिगत ऋण वाले ऑनलाइन मार्केटप्लेस क्रेडिटबी दूसरी ऐसी स्टार्टअप रही, जिसने सीरीज डी वाले दौर में 12 करोड़ डॉलर जुटाए।
फिनटेक की फंडिंग के कपाट इसके बाद से और ज्यादा खुल गए हैं। इंश्योरटेक स्टार्टअप इंश्योरेंसदेखो ने 15 करोड़ डॉलर की सीरीज ए दौर का नेतृत्व किया, जबकि फोनपे ने फरवरी में 10 करोड़ डॉलर की और रकम हासिल की।
मार्च भी भारतीय फिनटेक क्षेत्र के लिए अच्छा रहा है। प्रेमजी इन्वेस्ट द्वारा समर्थित मिंटिफी एक और ऐसी स्टार्टअप है, जिसने सीरीज डी की फंडिंग में अब तक 11 करोड़ डॉलर जुटाए हैं।