Bournvita विवाद पैदा होने के करीब 20 दिन बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कहा है कि उसने देश में फूड बिजनेस ऑपरेटरों (FBO) द्वारा किए जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य दावों के संबंध में सोशल मीडिया समेत विभिन्न खबरों का संज्ञान लिया है।
सूत्रों के अनुसार, पिछले 6 महीनों में, FSSAI द्वारा गठित विज्ञापन निगरानी समिति (advertisement monitoring committee) ने FSS ऐक्ट, 2006 के प्रावधानों के तहत उपभोक्ताओं को गुमराह करने से जुड़े 138 मामले दर्ज किए। यह समिति सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों समेत विभिन्न माध्यमों पर FBO द्वारा प्रसारित किए जाने वाले विज्ञापनों और दावों की समय समय पर जांच करती है।
शुक्रवार को, अधिकारियों ने कहा कि FSSAI ने FBO द्वारा खाद्य उत्पादों के बारे में विज्ञापनों और दावों पर लगाम लगाने के प्रयास में ‘फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स (एडवरटाइजमेंट ऐंड क्लेम्स) रेग्युलेशंस, 2018’ को अधिसूचित किया, जिसके तहत भ्रामक दावे या विज्ञापन निषिद्ध हैं और यह दंडनीय अपराध के दायरे में आते हैं।
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नियमों के अनुसार, यदि असंतोषजनक प्रतिक्रिया मिलती है, तो FBO को ऐसे दावे वापस लेने या प्रावधानों के अनुसार इनमें संशोधन करने की जरूरत होगी। ऐसा नहीं करने पर FBO पर ‘फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स ऐक्ट, 2006 की धारा-53 के तहत 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। इसके अलावा, बार-बार अपराध साबित होने पर FBO का लाइसेंस रद्द करने जैसे अन्य सख्त कदम भी उठाए जा सकते हैं।