पैक्ड खाद्य पदार्थों की दिग्गज कंपनी नेस्ले इंडिया ने सोमवार को अपनी 65वीं सालाना आम बैठक में कहा कि कंपनी के लिए आने वाले वक्त में खाद्य मुद्रास्फीति और जिंसों की अस्थिर कीमतें प्रमुख चुनौती बनी हुई है।
नेस्ले इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन ने शेयरधारकों से कहा, ‘खाद्य मुद्रास्फीति लगातार ऊंची बनी हुई है और यह देश में प्रमुख मुद्रास्फीति से करीब दोगुनी है। इससे चावल, गेहूं, तेल और वैसी अन्य जिंसों पर खर्च बढ़ जाता है और विवेकाधीन खर्चों के लिए कम रकम बचती है। यह एक ऐसा कारण जिसका हम सामना कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘जिंसों की कीमतों में भारी अस्थिरता हमारी योजनाओं को प्रभावित करती है क्योंकि इसका सीधा असर हमारे लागत और राजस्व पर पड़ता है। मगर ध्यान पैठ आधारित मात्रात्मक वृद्धि पर रहा है और कंपनी की मुख्य श्रेणी की वृद्धि के लिए यह एक दीर्घकालिक स्तंभ होगा।’
कंपनी के भविष्य की योजनाओं के बारे में नारायणन ने कहा कि कंपनी का डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ संयुक्त उद्यम, इसके पालतू पशुओं के देखभाल (पेट केयर) के कारोबार और इसके प्रीमियम कॉफी ब्रांड नेस्प्रेस्सो की पेशकश पर खास ध्यान दिया जाएगा और ये किटकैट और मैगी नूडल्स बनाने वाली कंपनी की वृद्धि के नए स्तंभ होंगे।
फिलहाल कंपनी के पेट केयर कारोबार की बाजार हिस्सेदारी पांच फीसदी से भी कम है। साल 2020-2025 तक 7,500 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली कंपनी ने कहा कि उसके इस साल 31 मार्च तक निर्धारित निधि में से 3,963 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और बचे हुए 3,537 करोड़ रुपये का उपयोग 30 जून, 2026 तक किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘क्षमता निर्माण, वितरण और नए पोर्टफोलियो का विस्तार कंपनी की समग्र वृद्धि और लाभप्रदता के मुख्य कारक होंगे।’ गेरबर ब्रांड की शुरुआत वाले शिशुओं की सामग्री वाली श्रेणी के बारे में नारायणन ने कहा यह शिशु आहार और फॉर्मूला खंड का विस्तार है और इसने दो अंकों की दमदार वृद्धि हासिल की है। नेस्ले पर स्विस एनजीओ पब्लिक आई ने आरोप लगाया था कि कंपनी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बेचे जाने वाले शिशुओं के दूध और आहार श्रृंखला में चीनी और शहद का इस्तेमाल करती है।
कंपनी का ई-कॉमर्स कारोबार सबसे तेजी से बढ़ने वाले कारोबारों में से एक रहा। इसने कंपनी की कुल बिक्री में 6.8 फीसदी का योगदान दिया है, जिसमें करीब एक तिहाई यानी 2.1 फीसदी क्विक कॉमर्स से आता है।
उन्होंने कहा, ‘यह ई-कॉमर्स कारोबार का सबसे तेजी से बढ़ने वाला खंड है और यह पारंपरिक और मुख्यधारा की कंपनियों की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है।’ उन्होंने बताया कि नेस्ले इंडिया अधिकांश श्रेणियों में बाजार में पहले अथवा दूसरे स्थान पर काबिज है, जबकि कंपनी नूडल्स, कॉफी, व्हाइट वेफर चॉकलेट, शिशु फॉर्मूला और अनाज उत्पादों में बाजार में अग्रणी बनी हुई है।
कंपनी ने 11.25 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का कुल लाभांश देने की भी घोषणा की है, जिसमें 2.75 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश और 8.5 रुपये प्रति शेयर का लाभांश शामिल है। शेयरधारकों को कुल 11.25 रुपये का भुगतान अगले महीने 6 अगस्त को किया जाएगा।