अप्रैल से जून तक शहरों और गांव-कस्बों में रोजाना इस्तेमाल के सामान (FMCG) की बिक्री कम रही क्योंकि पेय पदार्थों की मांग कम रही। रिटेल इंटेलिजेंस फर्म बिज़ोम के आंकड़ों से पता चला कि बीती तिमाही में बेमौसम बारिश के कारण पेय पदार्थों की बिक्री घट गई।
जून तिमाही में FMCG की बिक्री शहरों में साल भर पहले के मुकाबले 4.7 फीसदी घटी और ग्रामीण बिक्री में भी 4.6 फीसदी गिरावट आई।
तिमाही के दौरान कुल बिक्री 4.6 फीसदी घट गई। बड़े शहरों में FMCG की बिक्री 6.4 फीसदी लुढ़की और छोटे शहरों में सबसे ज्यादा 7.2 फीसदी की गिरावट आई। जून में FMCG की बिक्री 1.1 फीसदी कम रही। इस दौरान पेय पदार्थों की बिक्री में अप्रैल-जून, 2022 के मुकाबले 27.6 फीसदी कमी आई। पर्सनल केयर और कन्फेक्शनरी की बिक्री पर भी जून महीने और समूची तिमाही में असर रहा।
बिज़ोम (Bizom) ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गर्मी के उत्पादों की बिक्री कमजोर रहने का असर भी FMCG बिक्री पर पड़ा। बेमौसम बारिश के कारण गर्मी का मौसम कुछ ठंडा रहा और पेय पदार्थों की बिक्री पर काफी असर पड़ा।
बिज़ोम के प्रमुख (ग्रोथ ऐंड इनसाइट्स) अक्षय डिसूजा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘गैर जरूरी उत्पादों पर भी लोगों ने कम खर्च किया। इसकी झलक पर्सनल केयर और कन्फेक्शनरी उत्पादों की बिक्री में दिखती है।’ उन्होंने कहा कि महंगाई की चिंता में उपभोक्ताओं का खरीदारी का तौर-तरीका बदल गया, जिसका असर शहरों और ग्रामीण इलाकों में FMCG बिक्री पर पड़ा।
डिसूजा ने कहा, ‘मॉनसून कुछ देर से आया है मगर हमें लगता है कि बारिश सामान्य रही तो हमें गैर-जरूरी उत्पादों की खरीदारी भी बढ़ती दिखेगी।’ उन्होंने कहा कि आयात शुल्क में कटौती के जरिये खाद्य तेल की कीमतों पर काबू रखने की पूरी कोशिश की जा रही है और पर्याप्त आपूर्ति पक्की की जा रही है ताकि अल नीनो के प्रतिकूल असर से निपटा जा सके।
बिज़ोम के अनुसार अगस्त में त्योहार होने के कारण और खाद्य महंगाई कम रहने के कारण अगली तिमाही में FMCG उत्पादों की खपत में बढ़ोतरी जरूर होगी।
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डिसूजा ने कहा, ‘ग्रामीण क्षेत्रों में भी साल-दर-साल (YOY) वेतन वाली नौकरियां बढ़ती जा रही हैं। इससे खपत को बढ़ावा मिलेगा और मॉनसून की चाल बिगड़ने पर भी नुकसान कम होगा, जिससे त्योहारी दिनों में बिक्री लगातार होती रहेगी।’
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गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Godrej Consumer Products) ने कहा कि पिछली तिमाहियों की ही तरह कुल मांग स्थिर बनी हुई है। मगर मैरिको (Marrico) ने कहा कि पिछली तिमाही में शहरी बाजार में तो बिक्री बरकरार रही मगर ग्रामीण बाजारों से मांग घट गई। उधर डाबर इंडिया (Dabur India) ने अपने तिमाही ब्योरे में बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रुझान बेहतर हो रहा है। इसके पीछ कंपनी ने महंगाई में नरमी का हाथ बताया। उसने कहा कि महंगाई लगातार कम होने से उपभोक्ताओं की क्रयशक्ति बढ़ गई और मांग में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
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विप्रो कंज्यूमर केयर (Wipro Consumer Care) के भारत एवं दक्षेस कारोबार के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) नीरज खत्री ने हाल में बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि ग्रामीण मांग बढ़ने लगी है मगर उम्मीद से कम है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कुछ सुधार दिखा और जनवरी-मार्च तिमाही में साफ तौर पर बढ़ोतरी देखी गई। मगर खत्री ने कहा कि मांग में बढ़ोतरी धीमी रफ्तार से हो रही है।