दैनिक उपभोग का सामान (FMCG) बनाने वाली अग्रणी कंपनियां अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर एक अंकीय वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं। तिमाही आधार पर उपभोक्ता मांग में सुधार हुआ है, जिसके चलते FMCG कंपनियों को अक्टूबर-दिसंबर में निम्न से मध्य एक अंकीय वृद्धि की उम्मीद है।
डाबर, मैरिको और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों ने अपने तिमाही आंकड़ों को जारी करते हुए कहा है कि ग्रामीण बाजार में उपभोक्ता मांग कम रही है, हालांकि शहरी बाजार तीसरी तिमाही में स्थिर रहे। कंपनियां धीरे-धीरे बढ़ोतरी को लेकर आशान्वित हैं क्योंकि मात्रा में सुधार के रुझान के साथ खपत में सुधार के शुरुआती संकेत दिखाई दे रहे हैं।
इसके अलावा, निर्माताओं को सालाना आधार पर सकल मार्जिन में विस्तार की भी उम्मीद है। इसमें मुद्रास्फीति में कमी से मदद मिलेगी। खोपरा और खाद्य तेल की कीमतें जैसे प्रमुख सामग्री की कीमतें निचले स्तर पर बनी हुई हैं। इससे FMCG निर्माताओं को विज्ञापन और प्रचार के लिए अधिक धन जुटाने में मदद मिलेगी।
सफोला, पैराशूट, हेयर एंड केयर, निहार और लिवॉन जैसे ब्रांड की मूल कंपनी मैरिको ने कहा कि दिसंबर तिमाही में ग्रामीण बाजार से अच्छे संकेत कुछ कम मिले। हालांकि, यह व्यापक आर्थिक संकेतकों में सुधार, निरंतर सरकारी खर्च, विभिन्न क्षेत्रों में अनुकूल उपभोक्ता मूल्य निर्धारण और अन्य कारकों के कारण 2024 में उपभोग प्रवृत्तियों में क्रमिक वृद्धि के बारे में आशावादी बनी हुई है।
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डाबर इंडिया को उम्मीद है कि उसके एकीकृत राजस्व में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान “मध्य से उच्च एकल-अंकीय वृद्धि दर्ज की जाएगी।” ग्रामीण भारत देश में FMCG बिक्री में लगभग 35 से 38 प्रतिशत का योगदान देता है।
डाबर च्यवनप्राश, डाबर हनी, डाबर पुदीन हारा, डाबर आंवला, रियल और वाटिका सहित विभिन्न ब्रांड वाली घरेलू FMCG विनिर्माता ने कहा कि आधार वर्ष में कीमत बढ़ने के कारण मूल्य वृद्धि धीमी रही। दिसंबर तिमाही में वृद्धि में मुख्य योगदान मात्रा का रहा।
इसी तरह, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) ने कहा कि वह दिसंबर तिमाही में एकीकृत आधार पर एकल अंक की वृद्धि की उम्मीद कर रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारतीय FMCG कंपनियों को स्थिर मुद्रा के आधार पर एक अंकीय वृद्धि की उम्मीद है।