facebookmetapixel
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: निवेशक हो जाएं तैयार! अगले हफ्ते 40 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, होगा तगड़ा मुनाफाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, छोटे निवेशकों के लिए बनेगा बड़ा मौकादेश में बनेगा ‘स्पेस इंटेलिजेंस’ का नया अध्याय, ULOOK को ₹19 करोड़ की फंडिंग

फ्लिपकार्ट लाई वॉइस असिस्टेंस

Last Updated- December 15, 2022 | 7:56 PM IST

ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी फ्लिपकार्ट ग्राहकों की ऑनलाइन खरीदारी आसान बनाने के लिए ‘वॉइस अस्टिेंटस’ तकनीक लेकर आई है। फ्लिपकार्ट के ग्रॉसरी स्टोर सुपरमार्ट में लगाए गए ‘वॉइस अस्टिेंटस’ की मदद से ग्राहक हिंदी, अंग्रेजी जैसी विभिन्न भाषाओं में आवाज की मदद से उत्पाद के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें खरीद सकते हैं।
आवाज को पहचानकर बातचीत करने वाले एआई तकनीक समर्थित प्लेटफॉर्म को फ्लिपकार्ट की टेक्नोलॉजी टीम ने तैयार किया है जिसमें स्पीच रिकॉग्निशन, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, मशीन ट्रांसलेशन और भारतीय भाषाओं के लिए टेक्स्ट टू स्पीच टूल का उपयोग किया गया है। यह प्लेटफॉर्म हिंदी जैसी स्थानीय भारतीय भाषाएं समझने में सक्षम है और ई-कॉमर्स उत्पादों की विभिन्न श्रेणियों में किसी उत्पाद को खोजने, उसकी जानकारी साझा करने तथा ऑर्डर लेने में सक्षम है। एआई तकनीक समर्थित प्लेटफॉर्म स्वयं उपयोगकर्ता द्वारा बोली जाने वाली भाषा की पहचान करने में सक्षम है और रियल टाइम में विभिन्न भारतीय भाषाओं में खरीदारी संबंधी बातचीत को आसानी से समझ सकता है। फ्लिपकार्ट के मुख्य उत्पाद एवं प्रौद्योगिकी अधिकारी जयेंद्रन वेणुगोपाल ने कहा, ‘भारत में ई-कॉमर्स को अपनाने से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए वीडियो, वर्नाकुलर एवं आवाज आधारित तकनीकें अहम हैं। हमने अपने वीडियो तथा वर्नाकुलर उपायों में शानदार रुचि देखी है और इस दिशा में अगला कदम ई-कॉमर्स क्षेत्र में आवाज पहचानने एवं बातचीत करने की क्षमता को विकसित करना है।’ 
उन्होंने कहा, ‘फ्लिपकार्ट की प्रौद्योगिकी टीम ने आवाज पहचानने एवं बातचीत करने की क्षमता निर्माण से जुड़े विभिन्न संदर्भों को समझने के लिए देश भर में यात्राएं कीं और भारतीय भाषाओं के विभिन्न रूपों की पहचान करने एवं उसी भाषा में प्रतिक्रिया देने के लिए जरूरी बदलाव किए।’ फ्लिपकार्ट ने पांच महीने तक विभिन्न शहरों तथा कस्बों का जमीनी जायजा लिया और आवश्यक सामग्री जुटाई, जिसकी मदद से अंतत: किराने क्षेत्र के लिए वॉइस असिस्टेंस विकसित हो सका। इस शोध की मदद से कंपनी ने पता लगाया कि आखिर ग्राहक आवाज की मदद से आसान सेवाओं के मद्देनजर क्या जरूरी सुविधाएं चाहता है।
फ्लिपकार्ट का कहना है कि वॉइस असिस्टेंस ग्राहक की खरीदारी को अधिक व्यक्तिगत बना देगा और उसे मिलने वाली सेवाएं अधिक आसान हो जाएंगी। अंग्रेजी तथा हिंदी में आवाज में होने वाले बदलावों को समझने के साथ ही यह मिली जुली भाषाओं (हिंग्लिश आदि) को भी आसानी से समझ सकता है और कंपनी का कहना है कि इसकी मदद से ग्राहक को वैसा ही अनुभव होगा, जैसे वह किसी दुकानदार से संवाद कर रहा हो। फ्लिपकार्ट में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (ग्रॉसरी, जनरल मर्चेंडाइज एवं फर्नीचर) मनीष कुमार कहते हैं, ‘आवाज आधारित खरीदारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और हम अपने ग्राहक को आम बोलचाल वाले तौर तरीकों में बातचीत का अनुभव देना चाहते हैं।’
वह कहते हैं, ‘कंपनी में ही विकसित तथा एआई तकनीक समर्थित वॉइस असिस्टेंस सबसे पहले किराने के सामान के लिए लाया गया है जो ग्राहकों के लिए खरीदारी को काफी आसान बना देगा।’

First Published - June 9, 2020 | 10:59 PM IST

संबंधित पोस्ट