भारतीय दवा निर्माता कंपनियों- ऑर्किड, ग्लेनमार्क, ल्यूपिन और अरविंदो फार्मा को विभिन्न श्रेणियों में दवा निर्माण के लिए अमेरिकी एफडीए की मंजूरी मिली है।
हैदराबाद की कंपनी अरविंदो फार्मा लिमिटेड को लेवेटिरासेटम के 250 मिलीग्राम, 500 मिलीग्राम, 750 मिलीग्राम और 1000 मिलीग्राम के टैब्लेट और 100 मिलीग्राममिलीलीटर लेवेटिरासेटम ओरल सॉल्यूशन के लिए अमेरिकी फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएस एफडीए) से मंजूरी मिली है।
इस तरह कंपनी को अमेरिकी एफडीए से 65 दवाइयों को संभावित और 24 को पूरी मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने बताया कि जून 2008 तक इन उत्पादों का कारोबार 1.15 अरब डॉलर का रहा है।
नई दवाई केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से जुड़ी है और इसका इस्तेमाल माइक्लोनिक सिजर और बच्चों की मिरगी ठीक करने में इस्तेमाल की जाती है। इसके साथ ही ऑर्किड को लेविटाइरासेटाम की 250, 500 और 700 मिलीग्राम के टेब्लेट के लिए अमेरिकी एफडीए से मंजूरी मिल गई है।
ऑर्किड को कुल मिलाकर 30 दवाओं की अब तक मंजूरी मिल चुकी है। कंपनियों का कहना है कि इस अनुमति से उनके कारोबार और राजस्व में इजाफा होने की पूरी उम्मीद है। ल्यूपिन को अमेरिकी बाजार में लेवेट्रेसम टेबलेट के कारोबार को मंजूरी मिली है।
यह दवा मिरगी के उपचार में इस्तेमाल होती है। कंपनी ने बीएसई को कहा कि उसे यूएसएफडीए की ओर से उसकी सहायक कंपनी ल्यूपिन की नई दवा की मंजूरी मिली है। ल्युपिन लेवेट्रेसम टेबलेट यूएसबी फर्मा द्वारा बनाए जाने वाली दवा केप्परा के समान है।
ऑर्किड, ग्लेनमार्क, ल्यूपिन और अरविंदो फार्मास्यूटिकल को अमेरिकी एफडीए से मिली अनुमति