facebookmetapixel
8th Pay Commission: लेवल 1 से 5 तक की सैलरी में कितनी इजाफा हो सकता है? एक्सपर्ट से समझेंरिटायरमेंट अब नंबर-1 फाइनैंशियल जरूरत, तैयारी में भारी कमी; म्युचुअल फंड्स का यहां भी दबदबाCBI ने सुप्रीम कोर्ट में कुलदीप सिंह सेंगर की बेल रोकने में LK आडवाणी केस का हवाला क्यों दिया?भारत का औद्योगिक उत्पादन नवंबर में 6.7% बढ़ा, मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग ने बढ़ाई रफ्तारSilver Price: चांद पर चांदी के भाव! औद्योगिक मांग ने बदली तस्वीर, अब क्या करें निवेशक?1 साल में 27% की बढ़ोतरी! बढ़ती मेडिकल लागत के बीच हेल्थ कवर को लेकर लोगों की सोच कैसे बदल रही है?2026 में डेट फंड में निवेश कैसे करें? ज्यादा रिटर्न के लालच से बचें, शॉर्ट और मीडियम-ड्यूरेशन फंड्स पर रखें फोकसलंदन पार्टी वीडियो पर हंगामा, ललित मोदी ने भारत सरकार से मांगी माफीटायर स्टॉक पर Motilal Oswal बुलिश, कहा– वैल्यूएशन सपोर्टिव; ₹600 तक जाएगा शेयर!2025 में डर और लालच ने निवेशकों को क्या सिखाया और 2026 में इसमें क्या बदलाव कर सकते हैं?

कारोबार की सोच में होनी चाहिए ESG

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, क्रिप्टो ट्रेडिंग और ऑनलाइन गेमिंग का सामाजिक योगदान कम, ESG पर भारत को ध्यान केंद्रित करने की जरूरत

Last Updated- September 04, 2024 | 10:30 PM IST
It is necessary to reduce business costs: Nageshwaran

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और क्रिप्टो ट्रेडिंग के कारोबार को कानून की भावना के अनुरूप बनाया जा सकता है, लेकिन वे सामाजिक मूल्य के मामले में बहुत कम योगदान देते हैं। उन्होंने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पर कहा कि यह अलग गतिविधि नहीं है बल्कि यह भावना है कि कैसे कारोबार किया जाता है।

उन्होंने कहा कि भारत को अपने हितों के लिए पर्यावरण, समाज और शासन (ईएसजी) की बेहतरी के लिए कदम उठाने की जरूरत है, हालांकि जब यह अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और मंचों की तरफ से थोपा जाता है तो उस पर प्रतिरोध आना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, ‘जब हम देखते हैं कि वैश्विक नेतागण और संगठन के प्रमुख ईएसजी या जलवायु परिवर्तन के सम्मेलन में शामिल होने के लिए कुछ हजार किलोमीटर अपने प्राइवेट जेट से जाते हैं तो वे विश्वसनीयता के पैमाने खरा नहीं उतरते हैं।’

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भारतीय कॉरपोरेट मामलों के संस्थान (आईआईसीए) में विकसित भारत के लिए बेहतर होते वातावरण, समाज, शासन पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि कंपनियों से यह पूछा जाना चाहिए कि ईसीजी उनके लिए अलग गतिविधि थी या उनके कारोबार की भावना में समाहित है।

नागेश्वरन ने जोर देकर कहा कि पश्चिम में उत्तरदायित्व वाले कारोबार की जिस तरह व्यख्या की जाती है, वह भारतीय संदर्भ में खरी नहीं उतरती है। भारत उत्सर्जन पर अंकुश की जगह जलवायु अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित करे। इसका कारण यह है कि भारत उत्सर्जन में सबसे अधिक योगदान देने वालों में नहीं है।

सीईए ने विकासशील देशों पर थोपे गए मानदंड जैसे श्रम, वातावरण, लिंग पर कहा कि जब विकसित देशों ने राष्ट्रीय और सामाजिक स्तर पर आय का एक मानदंड हासिल कर लिया तब ये मानदंड लागू किए गए। इसे विकसित देशों को याद रखना चाहिए। सीईए ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के अपने पांव पर खड़े होने से पहले इन मानदंडों को थोपने से वे अनुत्पादक साबित हो सकती हैं। सीईए ने भारत में बाहर से प्लास्टिक मंगाए जाने का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी कि इन वस्तुओं को थोक में मंगाए जाने के मामले में सावधानी बरते जाने की जरूरत थी।

ढांचा मुहैया करवाना चाहती है सरकार

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव इंद्रदीप सिंह धारीवाल ने आईआईसीए के कार्यक्रम में बताया कि सरकार का ध्येय विनियमन लाना नहीं है बल्कि कंपनियों को पर्यावरण, समाज और शासन पर सिद्धांतों की मार्गदर्शिका मुहैया करवाना है। उन्होंने बताया, ‘हम ढांचा मुहैया करवाते हैं और इसे बेहतर बनाने का काम कंपनियों पर छोड़ दिया जाता है। यह विश्वास पर आधारित संबंध है।’

First Published - September 4, 2024 | 10:30 PM IST

संबंधित पोस्ट