तेजी से बढ़ रही मंहगाई और आर्थिक मंदी से उबरने के लिए खर्च में कटौती के प्रयास में लगी कंपनियों को अपनी खर्च रिपोर्ट की नियमित जांच करने की जरूरत है।
तकरीबन 55.7 फीसदी कर्मचारी कंपनी के खर्च ब्यौरों में धोखाधड़ी करने से नहीं हिचकते हैं और 61 फीसदी का मानना है कि ऑफिस में अपने निजी कार्य के लिए प्रिंट आउट निकालना और फोटो कॉपी करना गलत नहीं है।
ये तथ्य टीमलीज सर्विसेज रोजगार से जुड़ी रिसर्च फर्म की ओर से कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आए हैं। भारत में कार्य स्थलों पर बदल रहे परिदृश्य पर आधारित ‘वर्ल्ड ऑफ वर्क’ सीरीज का कंपनी की ओर से कराया गया यह चौथा सर्वेक्षण है। इसमें कहा गया है कि अपनी उत्पादकता बढ़ाने की कोशिश करने वाली किसी भी कंपनी को अपने आंतरिक क्रियाकलापों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
सर्वेक्षण में शामिल तकरीबन 63 फीसदी प्रतिभागियों की नजर में ऑफिस में निजी काम करना सही है। यह सर्वेक्षण भारत के 7 शहरों नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, हैदराबाद और पुणे में कराया गया। ‘नथिंग एथिकल अबाउट एथिक्स’ शीर्षक वाले इस अध्ययन में इन शहरों के कॉरपोरेट कर्मचारियों के विचारों का सामने लाने का प्रयास किया गया है।
टीमलीज सर्विसेज की ओर से शुरू किए गए इस अध्ययन को वैश्विक शोध फर्म सिनोवेट द्वारा संचालित किया गया। इस साल मई और जून महीनों में किए गए इस सर्वेक्षण के दायरे में 500 दिग्गज कंपनियों को लाया गया। टीमलीज सर्विसेज की महा प्रबंधक (पर्मानेंट स्टाफिंग) सुरभि माथुर ने कहा, ‘कॉरपोरेट भारत में स्वीकार्य आचार संहिता का स्वरूप बदल रहा है।
कुछ लोग इसे अवमूल्यन के तौर पर देख रहे हैं, लेकिन कंपनियां छोटी-छोटी बातों को लेकर ध्यान नहीं दे रही हैं।’ सर्वेक्षण के मुताबिक तकरीबन 62 फीसदी प्रतिभागियों का कहना था कि वे प्रतिस्पर्धी सूचना हासिल करने के लिए किसी भी तरीके का इस्तेमाल करेंगे।
क्या कहने कर्मचारियों के
46.8 फीसदी लोग मानते हैं कि लंबी दूरी की कॉल के लिए ऑफिस के फोन का इस्तेमाल करना सही है
60 फीसदी कर्मचारी छुट्टी लेने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाते हैं
दुर्घटना होना, अचानक बुखार आना, पेट की गड़बड़ी और मम्मी की तबीयत खराब होना छुट्टी मांगने के सामान्य बहाने हैं।
तकरीबन 45 फीसदी कर्मचारी ऑफिस के आने और ऑफिस से जाने के टाइम में धोखाधड़ी करते हैं।