सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के रोड शो के लिए 180 से अधिक निवेशकों से संपर्क साधने की योजना बनाई है। इसके तहत वह सॉवरिन वेल्थ फंड कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (क्यूआईए) और सैंड्स कैपिटल जैसी बड़ी निवेशक कंपनियों से बात करेगी। क्यूआईए ने भारत में अभी तक किसी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में मोटा निवेश नहीं किया है और सैंड्स कैपिटल केवल बड़ी सार्वजनिक पेशकशों में निवेश करती है।
इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी की सबसे बड़ी सार्वजनिक सूचीबद्धता की तैयारी कर रही है, इसलिए निवेशकों के साथ वर्चुअल रोडशो शुरू कर दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि सरकार अपने निवेश बैंकरों के जरिये क्यूआईए से संपर्क साधेगी, जो अब तक किसी भी भारतीय आईपीओ में एंकर निवेशक नहीं रही है। इसके अलावा अमेरिका की सैंड्स कैपिटल, सिटाडेल और सर्वेयर कैपिटल से भी संपर्क करेगी, जो दुनिया भर में केवल बड़ी सार्वजनिक पेशकशों पर ही ध्यान देती हैं। अधिकारियों ने कहा कि एलआईसी के उत्कृष्ट पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक (ईएसजी) ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर ही निवेशक छांटे गए हैं। उन्होंने कहा कि ईएसजी के आधार पर जिन निवेशकों से संपर्क साधा जाएगा, उनमें मार्शल वेस, ओकट्री कैपिटल आदि शामिल हैं।
एक अधिकारी ने कहा, ‘ये निवेशक आम तौर पर भारतीय आईपीओ से उनके आकार और आवंटन कोटे के कारण दूर रहती हैं। एलआईसी आईपीओ बड़ा होने से इस बार उनसे संपर्क साधा जाएगा।’ अधिकारी ने कहा कि इन निवेशकों से संपर्क साधना एलआईसी आईपीओ के लिए किए गए जा रहे रोड शो का हिस्सा है। यह आईपीओ दुनिया भर के शेयर बाजारों के लिए सबसे बड़े घटनाक्रमों में से एक होगा। निवेशकों के एक समूह और कुछ बड़े निवेशकों के साथ व्यक्तिगत रूप से रोजाना करीब 9 वर्चुअल रोड शो आयोजित किए जा रहे हैं और उनके सवालों का समाधान किया जा रहा है।
20 दिन में 180 से अधिक निवेशकों से संपर्क साधने की योजना बनाई गई है। इसके लिए चार टीमें बनाई गई हैं, जिनमें निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) और वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारियों के अलावा एलआईसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शामिल हैं।
यूबीएस जैसी निवेशकों के साथ पहले ही बातचीत की जा चुकी है। अब जिनसे संपर्क किया जाना है, उनमें टेमासेक, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए), कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड आदि शामिल हैं। एलआईसी ने रविवार को बाजार नियामक के पास आईपीओ मसौदा (डीआरएचपी) जमा किया है। सरकार ऑफर फॉर सेल के जरिये 31.6 करोड़ शेयर बेचेगी।
एक निवेश बैंकर ने कहा कि एलआईसी के आईपीओ में निवेशकों ने तगड़ी रुचि दिखाई है। अश्विन पारेख एडवाइजरी सर्विसेज में प्रबंध साझेदार अश्विन पारेख ने कहा कि एलआईसी आईपीओ की नैया आसानी से पार लग जाएगी। सॉवरिन फंडों और पेंशन फंडों का संस्थागत निवेश काफी बड़ा रहेगा।
पारेख ने कहा कि देसी बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी अहम रहेगी। इसका संकेत नए डीमैट खातों में तेजी से चलता है। देसी बीमा कंपनियां और अन्य फंड जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, वे इस आईपीओ में निवेश पर विचार कर सकते हैं।