दुनिया के सबसे अमीर इंसान ईलॉन मस्क (Elon Musk) की कंपनी टेस्ला (Tesla) भारत में निवेश के लिए तैयार बैठी है। इकॉनमिक टाइम्स (ET) की रिपोर्ट ने बताया कि कंपनी देश में अपनी फैक्टरी खोलने के लिए 2 अरब डॉलर तक के निवेश पर नजर गड़ाए हुए है, लेकिन एक शर्त के साथ। टेस्ला ने इसके लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। इस बीच, आइये जानते हैं कंपनी की क्या-क्या हैं शर्तें
ET की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका की कार मेकर ने केंद्र सरकार को निवेश के लिए एक प्रस्ताव भेजा है। अगर उसे 12,000 वाहनों के लिए रियायती शुल्क मिलता है, तो वह भारत में 500 मिलियन यानी 50 करोड़ डॉलर का निवेश कर सकती है। अगर रियायत 30,000 वाहनों तक बढ़ाई जाती है तो यह 2 अरब डॉलर तक जा सकती है। इस लिहाज से कंपनी की शर्त यह है कि अगग उसे भारत में फैक्टरी स्थापित करने के बाद पहले दो वर्षों में आयातित वाहनों पर 15 प्रतिशत रियायती शुल्क मिलता है, तो वह भारत में अपना कारखाना खोल देगी।
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दूसरी ओर, केंद्र टेस्ला की 10,000 वाहनों पर पहले साल और दूसरे साल में 20 प्रतिशत रियायती टैरिफ पर जोर दे सकता है। वर्तमान में, भारत 40,000 डॉलर से अधिक लागत, बीमा और माल ढुलाई मूल्य वाली कारों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाता है। इससे सस्ते वाहनों पर आयात शुल्क 70 फीसदी है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि Tesla पहले दो सालों में अपनी मेड-इन-इंडिया कारों में 20 प्रतिशत स्थानीयकरण (localisation) करने की संभावना रखती है, और चार वर्षों में यह 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
टेस्ला अपने तीन मॉडल – मॉडल 3, मॉडल Y और एक नई हैचबैक के साथ भारत आ सकती है। अगर रियायत दी गई तो मॉडल 3 और मॉडल Y की कीमत 38 लाख रुपये और 43 लाख रुपये होने की संभावना है। इस हैचबैक की कीमत 20.75 लाख रुपये होने की उम्मीद है।
21 नवंबर को ब्लूमबर्ग ने बताया कि टेस्ला के भारत में निवेश की घोषणा जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (Vibrant Gujarat Global Summit ) में की जा सकती है। फैक्टरी के लिए, टेस्ला गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु पर विचार कर रही है क्योंकि उनके पास पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों और निर्यात के लिए अच्छी तरह से स्थापित इकोसिस्टम है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस महीने की शुरुआत में फ्रेमोंट (Fremont), कैलिफ़ोर्निया में टेस्ला के प्लांट का दौरा किया था। उन्होंने सितंबर में कहा था कि टेस्ला इस साल भारत से ऑटो पार्ट्स की खरीद को लगभग दोगुना कर 1.9 बिलियन डॉलर करने की योजना बना रही है। उन्होंने उस समय नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा था कि इलेक्ट्रिक कार निर्माता ने पिछले साल देश से 1 बिलियन डॉलर के पार्ट्स मंगवाए थे।
एक साल के गतिरोध के बाद टेस्ला ने मई में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार भारत के साथ बातचीत फिर से शुरू की। मस्क ने भारत के हाई इम्पोर्ट टैक्सेस और इसकी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीतियों की आलोचना की और बदले में, भारत ने टेस्ला को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी चीन में बनी कारों को नहीं बेचने की सलाह दी है।
कहा जा रहा है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय ईवी निर्माताओं के लिए आयात टैक्स को पांच साल के लिए कम करने पर विचार कर रहा है, अगर वे कंपनियां बाद में स्थानीय कारखाने यानी लोकल फैक्टरीज स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हों तो।